नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुए संकट पर मंगलवार को कई यूरोपीय नेताओं से चर्चा की और इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में जारी युद्ध व इससे बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता प्रकट की. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने फोन पर इन नेताओं से चर्चा के दौरान यूक्रेन में युद्ध के अंत और वार्ता व कूटनीति की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई. रूसी सेना की ओर से यूक्रेन पर हमले तेज किए जाने के बाद मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बातचीत की. यूक्रेन में जारी युद्ध के दौरान मंगलवार को एक भारतीय छात्र की मौत हो गई.
पीएमओ के मुताबिक मैक्रों से चर्चा के दौरान मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मानता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता के प्रति सम्मान समकालीन विश्व व्यवस्था को मजबूती देता है. प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन की बीच वार्ता का स्वागत किया तथा मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने पर जोर दिया.
बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से युद्ध प्रभावित क्षेत्र से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और वहां प्रभावित लोगों के लिए दवाइयों के साथ ही आवश्यक राहत सामग्री भेजने के भारत के प्रयासों से भी राष्ट्रपति मैक्रों को अवगत कराया. पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डुडा से भी बात की और यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद देने के लिए उनका आभार जताया.
डूडा से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से पोलैंड की सीमा में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता में ढील देने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पोलैंड के नागरिकों द्वारा मुश्किल की इस घड़ी में भारतीय नागरिकों को हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए विशेष रूप से सराहना की.
दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ताना रिश्तों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें आज भी याद है कि कैसे वर्ष 2001 के गुजरात भूकंप के दौरान पोलैंड ने मदद पहुंचाई थी. पीएमओ के मुताबिक इस दौरान उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के समय पोलैंड के कई परिवारों और अनाथ हो चुके बच्चों को बचाने में जामनगर के महाराज की भूमिका को भी याद किया.
मोदी ने डूडा को बताया कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकाले जाने तक केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में ही अभियान की निगरानी करेंगे. पीएमओ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने युद्ध का अंत करने और वार्ता की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई. उन्होंने देशों की क्षेत्रीय एकता और अखंडता के सम्मान पर भी जोर दिया.’
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष से बातचीत में मोदी ने युद्ध समाप्त कर वार्ता की ओर लौटने पर बल दिया. पीएमओ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन विश्व व्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय कानून, यूएन चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता को मजबूती प्रदान करने की व्यवस्था है. उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का स्वागत किया और मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने पर जोर दिया.’ ज्ञात हो कि रूस और यूक्रेन के बीच मंगलवार को छठे दिन भी युद्ध जारी रहा. रूसी सैनिक यूक्रेन के कई शहरों में भारी बमबारी कर रहे हैं. रूस राजधानी कीव को चारों ओर से घेरने की कोशिशों में जुटा है. इसी क्रम में रूस ने कीव के टीवी टॉवर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए. टीवी टॉवर पर हमलों में पांच लोगों की मौत हो गयी तथा पांच अन्य घायल हो गए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एयरफोर्स के C-17 एयरक्राफ्ट से निकाले जाएंगे यूक्रेन में फंसे भारतीय, पीएम मोदी की बड़ी पहल
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