घर की उतर दिशा से जुड़े वास्तु विचार

घर की उतर दिशा से जुड़े वास्तु विचार

प्रेषित समय :20:21:46 PM / Thu, Mar 3rd, 2022

वैसे तो वास्तु में हर दिशा का अपना अलग महत्व है, लेकिन उत्तर दिशा का महत्व इस लिए है क्यूंकि यह दिशा जीवन को स्थाईत्व देती है. जीवन मे लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति, सुख और वैभव की प्राप्ति, भौतिक सुखों की प्राप्ति इसी दिशा के माध्यम से होती है. घर तो बना लिया लेकिन उस घर मे ऐसा वातावरण लाना कि घर मे मन भी लगे, घर से सुख की प्राप्ति भी हो, जो भी मेहमान आये उसका भी जाने का मन ना करें, घर की स्त्रियां और बच्चे सुख से रहें, ऐसे घरेलू वातावरण की प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा की शुभता ज़रूरी है.

 नवग्रहों में बुध ग्रह का संबंध उत्तर दिशा से है, और बुध ग्रह पृथ्वी तत्व होने के कारण ही इस दिशा में पृथ्वी के समान गुरुत्वाकर्षण है, इस लिए इस दिशा के सही इस्तेमाल से गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से, जीवन में तरक्की के अवसर, सुख और वैभव की प्राप्ति, भौतिक सुख, लक्ष्मी कृपा, संतान पक्ष से संबंधित खुशियां अपने आप चली आती हैं. 

 इस दिशा का महत्व इसी से पता चलता है कि कुण्डली का चतुर्थ भाव इस दिशा से संबंधित है. कुण्डली का चतुर्थ भाव उन सभी चीज़ों से सम्बन्ध रखता है जिन से हमे मानसिक रूप से खुशी, बल और मजबूती की प्राप्ति होती है, इस लिए वो सभी चीज़े जिन से हम दूर नहीं होना चाहते उन सभी को इस दिशा में रखना चाहिए.

 यदि कुण्डली के चतुर्थ भाव मे पाप ग्रह ( शनि, राहु, केतू ) हो, लेकिन घर में उत्तर दिशा में वास्तु अनुसार सही व्यवस्था कर दी जाए, तो उन पापी ग्रहों के प्रभाव में काफी हद तक कमी आती है.

 यह दिशा हमे इस धरातल पर मज़बूती देती है, वर्तमान में आप जिन भी कार्यो पर काम कर रहे हैं, उन सभी से संबंधित कागज़ात, उन में काम आने वाले अन्य उपकरण इस दिशा में रखे जा सकते हैं ( भारी सामान ना हो ). अपने प्रियजनों की तस्वीरें, बच्चों की तस्वीरें, जिन्हें देख कर आपको खुशी मिलती है, जिन से आप दूर नहीं जाना चाहते, उन सभी के चित्र इस दिशा में लगाये जा सकते हैं. 

 व्यवसायिक स्थल पर जिन से भी लेनदेन होते हैं, जो अच्छे ग्राहक हैं, जो अच्छे साँझीदार हैं, जो अच्छे सलाहकार हैं, आपकी मदद करने वाले हैं, उन सभी के नाम लिखे रजिस्टर इस दिशा में रखे जा सकते हैं, जिस से  आपका और उनका साथ जीवन के लंबे समय तक बना रहे. 

 लक्ष्मी कृपा प्राप्ति के लिए पूजा उपासना करते समय मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए, जिस से भी आपको आर्थिक लाभ की इच्छा है उस से वार्तालाप करते समय भी मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए. 

अपने प्रियजनों से बात करते समय मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए, बच्चों को कोई सीख देते समय भी मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए, जिस से वो लम्बे समय तक उस सीख का जीवन मे सदुपयोग करें.  

 इस दिशा में drawing room, living room, बच्चो का कमरा वास्तु अनुकूल होता है. जबकि मेहमानों को इस दिशा में बने कमरे में नहीं लाना चाहिए. 

 हालांकि इस दिशा में रसोईघर होना भी वास्तु दोष देता है, लेकिन यदि रसोई घर को shift नहीं कर सकते तो कोशिश करें कि चूल्हा ( गैस ) रसोई घर मे अग्नि कोण ( दक्षिण - पूर्व ) में ही जलाएं, ऐसा करने से वास्तु दोष का प्रभाव कम हो जाएगा.

 उत्तर दिशा के लिए अनुकूल रंग हल्का हरा है, इस के अलावा आंवले का पौधा, अन्य ऐसे पौदे जो कद में छोटे हो इस दिशा में लगाये जा सकते हैं. तोते का चित्र, आर्टिफिशियल पौदे भी इस दिशा में रखे जा सकते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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