नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. दरअसल, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने आज कहा कि तेल को UPA की सरकार ने डिरेगुलेट किया था और अगर आप डिरेगुलेट करेंगे तो उसमें Freight Charges भी जुड़ते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हम तेल की कमी नहीं होने देंगे. ये भी तो ध्यान रखिए कि दुनिया में हालात क्या हैं? रूस और यूक्रेन में जंग चल रही है. तेल की कीमत इंटरनेशनल स्थितियों पर निर्भर करती है. हम अपने नागरिकों के हितों जो अच्छा होगा वह फैसला लेंगे. हरदीप पुरी ने कहा, यह कहना कि चुनाव के कारण तेल की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण था, सही नहीं है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी हों.
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है. तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है. उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है
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