नई दिल्ली. हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूल छात्रा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने यह भी माना कि स्कूल ड्रेस का निर्धारण एक उचित प्रतिबंध है, जो संवैधानिक रूप से मान्य है. इसके साथ ही, हाइकोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं की तरफ से कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर इजाजत मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया. कर्नाटक हाईकोर्ट की तरफ से कई याचिकाओं को खारिज किया गया है, जो शैक्षिक संस्थाओं में इजाजत को लेकर दायर की गई थी.
कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पूर्ण पीठ ने व्यवस्था दी है कि इस्लामी आस्था में हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. इससे पहले, कर्नाटक के कई जिले में धारा 144 लगाई गई थी ताकि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो. गौरतलब है कि हिजाब विवाद के बीच एक बजरंग दल हर्ष कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी. इस मामले ने ऐसा तूल पकड़ा की पूरे देश में प्रदर्शन देखने को मिल रहा था.
क्या है पूरा विवाद?- गौरतलब है कि स्टूडेंट्स ने तर्क दिया था कि हिजाब संविधान के द्वारा दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के तहत आता है. ऐसे में कोई कॉलेज इस संबंध में प्रतिबंध को लेकर कोई फैसला नहीं दे सकता है. कर्नाटक सरकार ने मामले में कोर्ट से कहा है कि सिर्फ संस्थागत अनुशासन से संबंधित लगाए गए प्रतिबंधों के अलावा देश में हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है. दरअसल विवाद उस वक्त शुरू हुआ था, जब उडुपी के कुछ छात्रों ने शिक्षकों के उस अनुरोध को दरकिनार करते हुए हिजाब का इस्तेमाल बंद करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद छात्र कोर्ट पहुंच गए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: गोकुलपुरी इलाके की झुग्गी बस्ती में आग लगने से 7 की मौत, 60 से अधिक झुग्गियां खाक
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