कोटक महिंद्रा बैंक में सबसे अधिक फ्रॉड की घटनाएं सामने आई हैं. सरकार ने सोमवार को संसद में इसकी जानकारी दी. संसद में बजट सत्र के दौरान सरकार ने बताया कि साल 2021-22 के शुरुआती नौ महीने में कोटक में सबसे अधिक बैंक फ्रॉड की वारदात सामने आई है. इन नौ महीनों में फ्रॉड की 642 घटनाएं सामने आईं. इन फ्रॉड में 1 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी की गई. कोटक महिंद्रा ही इस फ्रॉड का शिकार नहीं हुआ बल्कि और भी कई छोटे-बड़े बैंक इसकी जद में आए हैं. सरकार ने बताया कि कोटक महिंद्रा के बाद आईसीआईसीआई बैंक में 518 और तीसरे नंबर पर इंडसइंड बैंक में 377 मामले सामने आए हैं.
कहा गया है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बताए गए निर्देशों और नियमों के पालन के चलते फ्रॉड की घटनाओं पर रोक लगी है. ये घटनाएं पहले से कम हुई हैं और ग्राहक अब सावधान हैं. फ्रॉड को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने नियमों और प्रक्रियाओं में कई सुधार किए हैं. पिछले पांच साल का रिकॉर्ड देखें तो धोधाधड़ी में लुटने वाली राशि की मात्रा कम हुई है. यानी पहले जिस स्तर पर फ्रॉड होते थे, उसमें जितने रुपये की धोखाधड़ी होती थी, अब वैसी घटनाएं कम होती हैं. इस बारे में वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने लोकसभा में जानकारी दी.
किस बैंक में कितनी घटनाएं
वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में फ्रॉड की घटनाएं और उसमें शामिल राशि का जिक्र किया. एक लाख रुपये या उससे अधिक के फ्रॉड जो पिछले पांच साल में सामने आए हैं, उसके बारे में जानकारी दी गई. हालांकि कोटक महिंद्रा बैंक में साल दर साल फ्रॉड की घटनाएं बढ़ी हैं और वित्त वर्ष 2017 में यह संख्या 135 थी जो 2018 में बढ़कर 289, 2019 में 383, 2020 में 652 और 2021 में 826 हो गई. रिजर्व बैंक की ओर से जारी डेटा का हवाला देते हुए कराड ने बताया कि 2021-22 अप्रैल-दिसंबर में कोटक महिंद्रा बैंक में फ्रॉड की घटनाएं 642 तक पहुंच गईं. दूसरी ओर, आईसीआईसीआई बैंक में नौ महीने की अवधि के दौरान 1 लाख रुपये और उससे अधिक की धोखाधड़ी की संख्या 518 थी. इसके बाद इंडसइंड बैंक में 377, एक्सिस बैंक में 235, 159 भारतीय स्टेट बैंक में और 151 एचडीएफसी बैंक में फ्रॉड की घटनाएं सामने आईं. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मामले में पिछले तीन साल में धोखाधड़ी की संख्या में कमी आई है. वित्त वर्ष 2017 में 751 घटनाएं हुईं जबकि वित्त वर्ष 18 में 923, साल 2019 में 931, साल 2020 में 673, वित्त वर्ष 2011 में 283 फ्रॉड सामने आए. कराड ने कहा कि बैंक धोखाधड़ी की जांच के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं. इसके अलावा जालसाजों को अपराध करने से रोकने के लिए भी उपाय किए गए हैं.
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