होलाष्टक, होलिका दहन तथा धुलेंडी (होली)

होलाष्टक, होलिका दहन तथा धुलेंडी (होली)

प्रेषित समय :21:11:20 PM / Wed, Mar 16th, 2022

*होलाष्टक-10.3.22, 2:56 am से 18 मार्च तक)

*होलिकादहन-17 मार्च,9:01 pm से 10:31 pm

*होली/धुलेंडी- 18 मार्च

*होलिका दहन तथा होली के अवसर पर किये जाने वाले उपाय तथा टोटके,(भाग-1):-*

होलिका दहन, वर्ष 2022 मे 17 मार्च को मनाया जाएगा . अगले दिन 18 मार्च को धुलंडी अर्थात  रंगों की होली का उत्सव मनाया जायेगा . 

भारतवर्ष मे 'होलिकादहन' का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. मनाए जाने के कई कारण सर्व विदित हैं. तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए होलिकादहन की रात्रि दीपावली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि की तरह ही होली की रात्रि भी महत्वपूर्ण है. इसमे किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र, जाप, पाठ आदि सिद्ध तथा अक्षुण्ण हो जाते हैं जिनका फल जीवन भर भक्त को प्राप्त होता रहता है.
इसी प्रकार से हिन्दु मान्यताओं के अनुसार होली की पूर्व संध्या यानि होलिका दहन में किए जाने वाले उपाय बहुत जल्द ही परेशानियों से राहत दिलवाने के साथ-२ मनोकामना पूर्ण करवा सकते हैं. इस दिन का लाभ हम निम्नलिखित तरीके से उठा सकते हैं.

1. होलिका की राख:

होलिका की राख के प्रयोग से बुरे समय से राहत मिलती है. होलिका दहन की भस्म को बहुत ही शुभ माना जाता है. 

क. होली की बची हुई भस्म को अगले दिन प्रात: घर में लाने से घर को अशुभ ‍शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है तथा इस भस्म का शरीर पर लेपन भी किया जाता है.

भस्म लेपन करते समय निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए:-

*वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च.*

*अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव..*

ख. इस भस्म को घर में लाकर हर कोने में छिड़कने से घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है. 

ग. घर में होलिका की भस्म चांदी की डिब्बी में रखने से कई बाधाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं.

घ. भस्म का तिलक करने से नजर दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है.

ङ. भस्म को ताबीज में बांधकर पहनने से उसके ऊपर बुरी आत्माओं का साया नहीं रहता है. साथ ही साथ टोने-टोटके का असर भी नहीं होता.

2.*श्री तथा धन प्राप्ति हेतु:-*

होलिका दहन की रात इष्ट देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करने से मनोरथ की पूर्ति अवश्य होती हैं . ऐसे मे धन प्राप्ति के लिए विशेष रूप से कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी जी के मंत्र निम्नलिखित मंत्रों मे से किसी एक मंत्र का जाप होली की रात्रि में करना चाहिए . इसके पश्चात हर शुक्रवार को नियमित रूप से यह मन्त्र जप करने से आने वाला समय सुख एवं समृद्धि से युक्त होगा.

क) *.. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ..  *

अथवा 

ख) *..ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्धलक्ष्म्यै नमः..*

3. *शारीरिक कष्ट, मानसिक पीड़ा, सफलता में रुकावट,  धन संबंधी कष्ट, नज़र संबंधी कष्टों से मुक्ति हेतु:-*

शारीरिक कष्ट, मानसिक पीड़ा, सफलता में रुकावट,  धन संबंधी कष्ट, नज़र तथा अन्य सभी बाधाओं का निवारण करने के लिए होलिका दहन के पूर्व स्नान कर शुद्ध, स्वच्छ वस्त्र धारण कर एक नारियल अपने तथा समस्त परिवार के सदस्यों के ऊपर से आठ बार सीधी दिशा में उतारकर, विष्णु भगवान के नरसिंह अवतार का ध्यान करके अपनी इच्छा अथवा समस्या को कहकर नारियल को होलिका में डाल दें एवं होलिका की सात परिक्रमा करके परेशानी दूर करने की प्रार्थना करें एवं अपने एवं ‍परिवार के लिए स्वास्थ्य, यश, दीर्घायु, धन, लाभ आदि की कामना करके हाथ जोड़कर प्रणाम करके, होली की राख घर मे ले आये. 

अब जब भी किसी मुकद्दमे, साक्षात्कार, प्रतियोगिता अथवा किसी भी प्रकार के आवश्यक कार्य पर जाना हो तो इस राख का तिलक लगाकर ही जाये, सफलता प्राप्त होगी .

4. *क्रूर ग्रहों का दोष निवारण:- 

ज्योतिष मान्यता के अनुसार होलिकादहन तथा उसके दर्शन से क्रूर ग्रह शनि तथा राहु-केतु के दोषों से शांति मिलती है.

5. *रूकावटो तथा रोग निवारण हेतु:-*

कार्य में आने वाली रुकावटों तथा रोगी के स्वास्थ्य लाभ हेतु, मिट्टी के एक चौमुखा दीये मे सरसों के तेल भरकर कुछ दाने काले तिल के डालकर एक बताशा, थोड़ा सिन्दूर और एक तांबे का सिक्का डालें. फिर इसे होली की अग्नि से प्रज्वलित करके घर लाकर, घर के बाहर खडे होकर घर के ऊपर से आठ बार वार कर, या फिर रोगी यानि  पीड़ित व्यक्ति पर से उतारकर सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर टोक लगे तथा बिना पीछे मुड़े वापस घर आएं तथा हाथ-पैर धोकर, तथा प्रभु का ध्यान करते हुए घर में प्रवेश करें. ऐसा करने से कार्य तथा जीवन में आने वाली रुकावटों तथा रोगी को शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती हैं .

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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