नई दिल्ली. पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है. कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-21 के नेताओं ने दिल्ली में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की. मीटिंग के बाद समूह की ओर से बयान जारी किया गया. नेताओं ने कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को मजबूत करना जरूरी है. हम कांग्रेस से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विश्वसनीय विकल्प के लिए राह तैयार करने को लेकर समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग करते हैं.
पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बेहद जरूरी हो गया है. मीटिंग के बाद कांग्रेस के 18 नेताओं ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त और लगातार नेताओं-कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़कर जाने के सिलसिले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, उसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यह बैठक की आहूत की गई थी.
कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी आलाकमान से अपील है कि वह समान विचारधारा वाले दलों से बात करें ताकि बीजेपी को चुनौती देने के लिए एक अच्छा विकल्प तैयार हो सके. यह बयान गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एम.ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और प्रेणित कौर के नाम से जारी किया गया.
इससे पहले चर्चा के लिए कांग्रेस के बागी नेताओं ने कपिल सिब्बल के घर को चुना था. लेकिन नेताओं की यह राय थी कि वह नहीं चाहते थे कि यह संदेश जाए कि कपिल सिब्बल ने जो बयान दिया है, उसका G-21 के बाकी नेता भी समर्थन करते हैं. पांच राज्यों में मिली हार के बाद यह G-21 गुट की दूसरी बैठक है. इससे पहले 11 फरवरी को गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक हुई थी. इस बैठक में कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी भी शामिल हुए थे. इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान से पार्टी अध्यक्ष की मांग की गई थी.
उधर, कपिल सिब्बल के बयान पर कई कांग्रेसी नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कपिल सिब्बल एक अच्छे वकील हो सकते हैं. लेकिन वे अच्छे नेता नहीं हैं. वे कांग्रेस के लिए किसी गांव नहीं गए. वे लगातार पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सोनिया गांधी और पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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