हरिद्वार. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए छह मई को खोल दिए जाएंगे. गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग से अब तक साढ़े पांच किमी रास्ते से बर्फ हटाई जा चुकी है. जबकि अभी भी साढ़े चार किमी रास्ते से बर्फ हटाई जानी शेष है. केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है. अभी तक कुबेर गदेरे तक बर्फ हटाने का कार्य किया जा चुका है. अब केदारनाथ मंदिर तक साढ़े चार किलोमीटर के रास्ते से बर्फ हटाने का काम शेष रह गया है. बर्फ हटाकर पैदल रास्ता बनाने में 150 मजदूर जुटे हुए हैं. जिला प्रशासन के अनुसार, 31 मार्च तक केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटा दी जाएगी. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की देखरेख में 28 फरवरी से केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम चल रहा है.
लिनचोली तक लगभग सात फीट बर्फ को काटकर बनाया गया रास्ता
डीडीएमए लोनिवि के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि टीम बर्फ हटाते हुए 31 मार्च तक हर हाल में केदारनाथ पहुंच जाएगी. उधर, जिलाधिकारी मनुज गोयल के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने भी सोमवार को केदारनाथ पैदल मार्ग का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि लिनचोली तक लगभग सात फीट बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया. इससे आगे की राह और भी चुनौतीपूर्ण है.
ऐसा चल रहा है अभियान
150 से अधिक मजदूर बर्फ हटाने में जुटे हैं. अब तक पैदल मार्ग पर लिनचोली से डेढ़ किमी आगे कुबेर गदेरा तक बर्फ हटाई जा चुकी है. अभी पैदल मार्ग से एक मीटर तक बर्फ हटाई जा रही है, ताकि घोड़े खच्चरों के साथ ही सर्वे टीम की आवाजाही हो सके. इसके बाद दोबारा मजदूरों की टीम केदारनाथ से बर्फ हटाते हुए वापस गौरीकुंड की तरफ बढ़ेगी और केदारनाथ पैदल मार्ग को करीब तीन मीटर चौड़ा किया जा सकेगा. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि 31 मार्च तक गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाकर एक मीटर चौड़ा मार्ग तैयार हो जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-100 साल पुराने केदारनाथ श्रीकृष्ण ज्वेलर्स पर आयकर छापे में मिला कुछ ऐसा, अधिकारी भी रह गए हैरान
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