कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस साल शुरू होने पर संशय, 2019 से बंद है यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस साल शुरू होने पर संशय, 2019 से बंद है यात्रा

प्रेषित समय :15:26:44 PM / Fri, Mar 25th, 2022

नई दिल्ली. कैलाश मानसरोवर यात्रा की इस वर्ष भी शुरू होने की उम्मीद नहीं है. असल में विदेश मंत्रालय यात्रा का आयोजन जून से सितंबर के मध्य उत्तराखंड के लिपुलेख व सिक्किम के नाथू ला दर्रा के रास्ते करता है. इसके लिए दिसंबर में ही कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) व सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) की दिल्ली में विदेश मंत्रालय के साथ बैठक हो जाती है, जो इस बार अभी तक नहीं हुई है. यात्रा के संबंध में केएमवीएन को मंत्रालय से कोई निर्देश भी नहीं मिला है.

यात्रा का नया शार्टकट मार्ग हो रहा तैयार

अब भारतीय नागरिक चीन या नेपाल से गुजरे बिना कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी कर सकेंगे. जी हां यह सुनकर आप चकित हो उठे होंगे, लेकिन आपको बता दें मंगलवार को संसदीय सत्र के दौरान केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अब भारतीय तीर्थ यात्रियों को चीन या नेपाल से होकर नहीं जाना होगा, क्योंकि उत्तराखंड से एक नया राजमार्ग जल्द ही शुरू होने वाला है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक भारतीय नागरिक चीन या नेपाल से गुजरे बिना मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव तक इस रूट को पूरा कर लिया जाएगा. इससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वालों का ना केवल समय बचेगा बल्कि यात्रियों को एक आसान रास्ता भी मुहैया होगा. गडकरी ने एक साल में इस रूट को चालू करने का दावा कर विपक्षी पार्टियों में गुदगुदाहट पैदा कर दी है.

इस समय मानसरोवर का रास्ता

बता दें वर्तमान में विदेश मंत्रालय तीन अलग अलग राजमार्गों लिपुलेख दर्रा (उत्तराखण्ड), नाथू ला दर्रा (सिक्किम) और काठमांडू के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा का आयोजन करता है. इन तीनों रूटों को काफी खतरनाक माना जाता है. तथा इसमें करीब 23 से 25 दिन का समय लगता है. लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर पहुंचने में यात्रियों को बर्फीले मौसम का सामना करते हुए 19500 फीट तक की ऊंचाई पर लगभग 90 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है. हालांकि उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से होकर मानसरोवर जाने वाला नया राजमार्ग तीर्थ यात्रियों को उनकी कठिन यात्रा से बचाएगा और तीन से चार हफ्तों के बजाए यात्री 1 हफ्ते में मानसरोवर पहुंच सकेंगे.

नये राजमरार्ग के बारे में संपूर्ण जानकारी

तीर्थ यात्रियों के लिए अब कैलाश मानसरोवर पहुंचना बेहद आसान होने वाला है. उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से कैलाश मानसरोवर के लिए नये रूट का निर्माण काफी तेजी से जारी है. इस नए राजमार्ग में तीन खंड शामिल हैं. पहला खंड पिथौरगढ़ से तवाघाट तक का 107.6 किलोमीटर है, दूसरा तवाघाट से घटियाबाढ़ तक का 19.5 किलोमीटर सिंगल लेन है और तीसरा घटियाबगढ़ से लिपुलेख दर्रे यानी चीन सीमा तक है. तीसरा करीब 80 किलोमीटर तक है और इसे केवल पैदल य किया जा सकता है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा तवाघाट से घटियाबागढ़ तक के सिंगल लेन को डबल लेन में परिवर्तित किया जा रहा है. वहीं सैन्य संगठन धारचूला (उत्तराखंड) से लिपुलेख (चीन सीमा) पर कनेक्टिविटी पर काम कर रहे हैं. बता दें सड़क का उद्घाटन मई 2020 में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सीडीएस विपिन सिंह रावत ने किया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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