पटना. बिहार में 20 हजार नर्स के पदों पर नियुक्ति की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मार्च के बात इसकी वैकेंसी निकाली जाएगी और नए वित्तीय वर्ष में इन नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. विधान परिषद में वित्तीय वर्ष-2022-23 के बजट पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस बात की घोषणा की. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी 8900 नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इसे एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा, इसके बाद और बहालियां होंगी.
मंगल पांडेय ने सदन में बताया कि वर्ष 2005 के बाद राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हुआ है. बीते 17 वर्षों में जैसा काम हुआ वैसा आजादी के बाद से होता तो आज सूरत ही कुछ और होती. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जेनरल मेडिकल ऑफिसर के मात्र 220 पद बचे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि विशेष डॉक्टरों के करीब 3000 पद खाली हैं पर इसकी वजह चिकित्सकों का नहीं मिलना है. जब डॉक्टर मिलेंगे तभी तो उनकी नियुक्ति होगी. मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य के हर क्षेत्र में काम कर रही है. लोगों को 95 तरह की दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति पर दवा के लिए 35 रुपए सलाना खर्च किया जा रहा है. इसके तहत वार्षिक खर्च 400 करोड़ रुपये आ रहा है. उन्होंने अस्पतालों में बेड की दिक्कत को स्वीकार करते हुए कहा कि तभी तो हम बेड बढ़ा रहे हैं. अस्पतालों में 27 हजार बेड का कार्य निर्माणाधीन है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार मोतिहारी और मुंगेर में नए मेडिकल कॉलेज खोलेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में डबल इंजन की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में जुटी है. सरकार हरेक जिले में मेडिकल कालेज खोल रही है. अस्पतालों की आधारभूत संरचना का विस्तार हो रहा है. राज्य सरकार पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस की खरीद कर रही है. योजना यह है कि जरूरत पडऩे पर ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट के अंदर एंबुलेंस पहुंच जाए.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का काम चुनौतीपूर्ण है और हमेशा अलर्ट मोड में रहना पड़ता है. मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार हरेक अस्पताल में इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड रूम बनाने जा रही है. दवा आपूर्ति प्रबंधन में नया प्रयोग किया जा रहा है. इसके लिए पोस्टल विभाग का सहयोग लिया जा रहा है. डाक के जरिए दवाओं की आपूर्ति होगी. पैथोलाजी जांच सेवा का विस्तार किया जा रहा है. यह मुख्यमंत्री सात निश्चय भाग दो का हिस्सा है. गांव तक पैथोलाजी जांच की सुविधा के लिए जन निजी भागीदारी के तहत जांच केंद्र की स्थापना की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पांच साल के स्वास्थ्य रोड मैप पर काम कर रही है. बिहार चिकित्सा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड पटना के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना हो रही है. राष्ट्रीय उच्च पथ पर सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तुंरत मदद देने के लिए ट्रामा सेंटर की स्थापना की जा रही है. पहले चरण में ऐसे दस ट्रामा सेंटर स्थापित किए जाएंगे. राज्य के कैंसर मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए बिहार कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-UPPCL में इन पदों पर निकली बंपर वैकेंसी, 44000 से अधिक मिलेगी सैलरी
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