लखनऊ. यूपी में विधानपरिषद चुनाव के लिए 9 अप्रैल को मतदान जारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदान के बाद उन्होंने कहा कि माफियाओं के खिलाफ सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है और उससे किसी तरह से समझौता करने का सवाल नहीं है। इसके साथ ही कहा कि बुलडोजल गरीबों के आशियानों या और उनकी दुकानों पर नहीं चलाया जाएगा। इन सबके बीच यह समझने की जरूरत है कि विधान परिषद का चुनाव बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए अहम क्यों है। बीजेपी के लिए अपने प्रदर्शन को बरकरार रखने की चुनौती है तो समाजवादी पार्टी के लिए संख्या बल बढ़ाने की चुनौती है। चुनाव से पहले बीजेपी के कई उम्मीदवार निर्विरोध भी चुने गए जिसे लेकर समाजवादी पार्टी की तरफ से कई तरह के आरोप भी लगाए गए। मसलन सत्ता, पैसा और जोर जबरदस्ती के बल पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका गया।
कौन लोग करेंगे मतदान
सांसद, विधायक, प्रधान, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य, नगर निगम के मेयर और सदस्य, नगर पंचायत के अध्यक्ष और सदस्य
कुल 36 सीटों के लिए होना था मतदान
बता दें कि कुल 36 सीटों के लिए मतदान होना था। लेकिन बीजेपी के 9 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। यानी कि करीब 28 फीसद बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्वाचित हो चुके हैं। इस तरह से लड़ाई 27 सीटों के लिए है। इन 27 सीटों के लिए कुल 95 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमां रहे है। बड़ी बात यह है कि इन सीटों पर बीएसपी और कांग्रेस की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं हैं लिहाज सपा और बीजेपी में सीधी लड़ाई है। अगर बात बीजेपी की करें तो उसके उम्मीदवार सभी 27 सीटों पर मुकाबला कर रहे हैं जबकि सपा की तरफ से 25 उम्मीदवार हैं। गाजीपुर सीट पर सपा निर्दलीय और एक सीट पर उनका गठबंधन का दल आरएलडी चुनावी मैदान में है।
बाहुबली भी चुनावी मैदान में
प्रतापगढ़ सीट पर राजा भैया की जनसत्ता पार्टी का उम्मीदवार चुनावी मैदान में है तो वाराणसी में बृजेश की पत्नी किस्मत आजमां रही है। इसके साथ ही आजमगढ़ में बीजेपी से एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।
बीजेपी का इन सीटों पर निर्विरोध कब्जा
बीजेपी ने चुनाव से पहले ही 9 सीटों यानी बदायूं, हरदोई, खीरी, मिर्जापुर, बुलंदशहर, मथुरा-एटा- मैनपुरी, सोनभद्र पर कब्जा करने में कामयाब रही है। ये वो सीटें हैं जिसके बारे में सपा ने ऐतराज जताया था कि सत्ता की बेजा इस्तेमाल करते हुए बीजेपी ने विरोधी उम्मीदवारों को नामांकन तक नहीं करने दिया।
कुछ खास सीटों पर नजर
यहां पर हम बात कुछ खास सीटों की करेंगे, मसलन वाराणसी में बीजेपी उम्मीदवार ड़ा सुदामा पटेल के खिलाफ माफिया डॉन बृजेश सिंह की पत्नी चुनावी मैदान में हैं, इसके साथ ही गोरखपुर- महाराजगंज में बीजेपी ने सपा के नेता और विधानपरिषद सदस्य सी पी चंद को चुनावी मैदान में उतारा है जिसके बद लड़ाई दिलचस्प हो गई है। अगर बात आजमगढ़ की करें तो यह सीट सपा के लिए महत्वपूर्ण है। आजमगढ़ मऊ सीट पर बीजेपी ने सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। तो बीजेपी के एमएलसी रहे यशंवत सिंह के बेटे निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं। अब ये तीनों सीटें बीजेपी और सपा के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जहां गोरखपुर और वाराणसी में बीजेपी का दबदबा है तो आजमगढ़ में सपा का जलवा है।
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