नई दिल्ली. कोटक महिंद्रा बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट लेंडिग रेट (एमसीएलआर) में 5 बेसिस पॉइंट की वृद्धि कर दी है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, नई दरें 16 अप्रैल से लागू हैं. इसके बाद बैंक द्वारा दिए जाने वाले अधिकांश ऋण महंगे हो गए हैं. अब बैंक की ओवरनाइट एमसीएलआर की दर 6.65 फीसदी व एक साल की एमसीएलआर दर 7.4 फीसदी है. हाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व एक्सिस बैंक ने भी एमसीएलआर दर बढ़ाई थी.
5 बेसिस पॉइंट वृद्धि का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले लोन की ब्याज दर में 0.05% वृद्धि कर दी गई है. इस वृद्धि के बाद नए ग्राहकों को तो लोन महंगा मिलेगी ही पहले से ऋण लिए हुए ग्राहकों की ईएमआई में वृद्धि हो जाएगी. इससे पहले एसबीआई ने अपने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट यानी .10 फीसदी की वृद्धि की थी. वहीं, एक्सिस बैंक ने भी कोटक महिंद्रा की तरह 5 बेसिस पॉइंट या 0.05% की बढ़ोतरी की थी. एसबीआई ने तीन महीने का एलसीएलआर 6.75 फीसदी, छट माह का एमसीएलआर 7.05 और 1 साल का एमसीएलआर 7.40 फीसदी कर दिया है. दो और तीन साल के लिए इएमसीएलआर क्रमश: 7.30 और 7.40 फीसदी होगा. वहीं, एक्सिस बैंक का एक साल का एमसीएलआर 7.35 फीसदी हो गया है.
अन्य बैंकों के भी एमसीएलआर बढ़ने का अनुमान
इन बैंकों के कर्ज महंगा करने के बाद ऐसी संभावना है कि दूसरे बैंक भी जल्द ही अब अपने MCLR में बढ़ोतरी करेंगे. इसकी आशंका बढ़ने एक बड़ा कारण है कि एसबीआई ने अपने कर्ज महंगे कर दिए हैं. उसके बाद दूसरे बैंक और फाइनेंस कंपनियां एसबीआई के कदम को देखते हुए कर्ज महंगा कर सकती हैं. वैसे ही बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने भी कर्ज महंगा होने के संकेत दे दिए हैं. जानकारों का अनुमान है कि इस साल आरबीआई 3-4 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो उसका बोझ सीधे तौर पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा. गौरतलब है कि कर्ज देने के लिए 2016 से एमसीएलआर को आधार माना जाता है. इससे पहले लोन बेस रेट पर दिया था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि बेस रेट पर कर्ज लिए ग्राहकों पर इसका प्रभाव नहीं होगा. बैंक उनकी ईएमआई बढ़ाकर एमसीएलआर के अनुरुप भरपाई कर सकते हैं.
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