नई दिल्ली. ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंच चुके हैं। गुजरात में उनका स्वागत किया गया। यहां वह एक बुलडोजर बनाने वाली कंपनी का भी दौरा करेंगे। विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा है। हालांकि, आलोचना को दरकिनार करते हुए अधिकारियों कहा कि उनका इरादा निवेश बढ़ाने का है। आपको बता दें कि किसी भी ब्रिटिश पीएम का यह पहला गुजरात दौरा है।
शहर में हवाईअड्डे से एक होटल तक चार किलोमीटर के रास्ते पर उनका भव्य स्वागत किया गया। अहमदाबाद हवाईअड्डे पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जॉनसन की अगवानी की। उनके स्वागत के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री भी मौजूद रहे। हवाईअड्डे और सड़क पर पारंपरिक गुजराती नृत्य और संगीत मंडलियों ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री का स्वागत किया। यह ‘रोडशो’ हवाईअड्डे के बाहर से शुरू हुआ और दफनाला तथा रिवरफ्रंट से होते हुए आश्रम रोड से गुजरा।एअरपोर्ट सर्किल से आश्रम रोड पर पांच सितारा होटल तक के चार किलोमीटर के रास्ते पर नियमित अंतराल पर 40 मंच बनाए गए थे जहां मंडलियां जॉनसन के स्वागत में पारंपरिक भारतीय नृत्य पेश कर रही थीं।
साबरमती का दौरा- पीएम बोरिस जॉनसन इस समय साबरमती आश्रम में हैं। उनके साथ सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद हैं। खास बात यह थी कि उन्होंने आश्रम के एक एक हिस्से का बारीकी से अवलोकन किया और चरखा भी चलाया। करीब 300 साल के बाद कोई ब्रिटिश पीएम पहली बार गुजरात की धरती पर कदम रखा। भारत के फलते-फूलते वाणिज्यिक, व्यापार और लोगों के संबंधों पर चर्चा करने का कार्यक्रम है। इसके बाद शुक्रवार की सुबह बोरिस जॉनसन राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में शामिल होंगे और बाद में महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
22 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए नई दिल्ली की यात्रा करेंगे। यहां दोनों नेताओं के बीच यूके और भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे। इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक में घनिष्ठ साझेदारी को बढ़ावा देना और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के साथ भी बातचीत करेंगे। उसी दोपहर करीब एक बजे दोनों पक्ष हैदराबाद हाउस में प्रेस बयान जारी करेंगे। जॉनसन 21 अप्रैल को सीधे अहमदाबाद में निवेशकों के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, ब्रिटेन में जितने भारतीय हैं, उनमें से लगभग आधे गुजरात के हैं।
शांति के लिए भूमिका निभाने को तैयार
यह पूछने पर कि क्या जॉनसन और मोदी की बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकालने पर कोई चर्चा हो सकती है, सूत्रों ने कहा कि दो प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा किस प्रकार होगी, यह पहले बता पाना संभव नहीं है। चर्चा के आयाम विविध हो सकते हैं। जॉनसन ने हाल में यूक्रेन का दौरान किया था। प्रधानमंत्री मोदी साफ कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापना के लिए भारत कोइ भी भूमिका निभाने को तैयार है।
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