नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। अदालत में दायर अर्जी में जम्मू-कश्मीर का दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन करने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने पर भी सवाल उठाया गया है। अदालत ने अर्जी को लिस्ट करने की बात कही है और इस पर जुलाई में सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वरिष्ठ अधिवक्ता शेख नफाडे ने चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष कहा कि यह आर्टिकल 370 का मामला है। अब तो जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा की सीटों का परिसीमन भी चल रहा है। इस पर सीजेआई एनवी रमन्ना ने कहा, 'मैं देखता हूं।'
इस पर नफाडे ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने को चैलेंज करने वाली अर्जी पर कम से कम जुलाई में गर्मियों की छुट्टियां समाप्त होने के बाद सुनवाई होनी चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि छुट्टियों के बाद इस मसले को देखते हैं। यह मामला 5 जजों की बेंच का है। हमें बेंच आदि का पुनर्गठन करना होगा। बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 हटाने, जम्मू-कश्मीर का दो हिस्सों में पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। इसके दिसंबर, 2019 में अदालत में अर्जियां दाखिल की गई थीं, जिन्हें सुनवाई के लिए जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस संजय किशन कौल, आर. सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्यकांत की अदालत में भेजा गया था।
इनमें से एक जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी इसी साल जनवरी में रिटायर हो चुके हैं। माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस ने उनके रिटायरमेंट के चलते ही कहा कि वह बेंच के पुनर्गठन कर विचार करेंगे। तब अदालत में यह मसला उठा था कि क्या इस अर्जी को 7 जजों की बेंच के समक्ष भेजने की जरूरत है। इस पर अदालत ने 2 मार्च के अपने जजमेंट में कहा था कि इसे बड़ी बेंच के समक्ष भेजने की जरूरत नहीं है। उसके बाद से इन अर्जियों की लिस्टिंग नहीं हो पाई थी।
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