काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 3 गुना बढ़ी

काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 3 गुना बढ़ी

प्रेषित समय :10:36:41 AM / Wed, May 11th, 2022

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह महीने पहले काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. इस उद्घाटन के बाद बड़े-बड़े त्योहारों और मुख्य दिनों में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद एक दिन में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5-6 लाख तक पहुंच गई है. अगर इस संख्या की तुलना कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले से करें तो यह लगभग तीन गुना अधिक है.

एक दिन में पहुंचे 5 लाख  से अधिक तीर्थयात्री
न्यूज18 ने श्री काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के एक आधिकारिक दस्तावेज की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान यह आंकड़े सामने आए. दस्तावेज के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर महीने में पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन किया था और इसके बाद मुख्य त्योहार जैसे बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी, होली, श्रावण मास के सोमवार के मौके पर यहां पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या औसतन 5 लाख तक पहुंच गई जो इस गलियारे के बनने से पहले मात्र 1.5 लाख ही हुआ करती थी.

रिकॉर्ड में यह भी सामने आया कि इस साल 1 मार्च को शिवरात्रि के दिन रिकॉर्ड 6.5 लाख तीर्थयात्रियों ने मंदिर और गलियारे का दौरा किया. वहीं सामान्य दिनों में तीर्थ यात्रियों की संख्या लगभग 35000 से बढ़कर 70,000 प्रतिदिन पर पहुंच गई है. पीएम मोदी ने 13 दिसंबर, 2021 को 50,000 वर्गमीटर में फैले काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का उद्घाटन किया था.

श्री काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड मंदिर परिसर में आने वाले तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के अनुभव को और अधिक बेहतर बनाने के लिए डिजिटल और भौतिक प्रदर्शनों के साथ एक अत्याधुनिक संग्रहालय और गैलरी विकसित करने की भी योजना बना रहा है.

आपको बता दें कि गलियारे में तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पहले से ही यहां यात्री सुविधा केंद्र, गेस्टहाउस, धर्मशाला, पुस्तकालय, संग्रहालय, गैलरी और एक आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. दस्तावेज़ के अनुसार, दो नई परियोजनाएं “शहर की आध्यात्मिक विरासत, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण का इतिहास, वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत, शास्त्रीय संगीत की विरासत, भारत की सबसे पुरानी जीवित सभ्यता और उपलब्धियों के रूप में भारत की श्रेष्ठता” का प्रदर्शन करेंगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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