देहरादून. चारधाम यात्रा में उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि अब वीआईपी दर्शनों की व्यवस्था नहीं होगी. सभी को सामान्य तरह से लाइन में लगकर ही दर्शन करने होंगे. हाल ही में चारधाम यात्रा के 28 श्रद्धालुओं की मौत और दिनों दिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
यह नियम केदारनाथ सहित सभी चारों धाम पर लागू होगा. वीआईपी दर्शनों की वजह से लाइन में लगे लोगों को और इंतजार करना पड़ता है. फिलहाल, हालात काबू करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर आईटीबीपी की एक कम्पनी को केदारनाथ धाम और यात्रा मार्ग पर तैनात कर दिया गया है.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड की चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर गम्भीरता बरतनी शुरू कर दी है. बीते कुछ दिनों पूर्व चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने गम्भीरता दिखाते हुए केदारनाथ धाम सहित सोनप्रयाग, उखीमठ तथा यात्रा मार्गों पर आईटीबीपी को व्यवस्था सम्भालने के लिए तैनात कर दिया है. वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 50 हजार से अधिक श्रद्धालु चार धामों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ और सेना के लोगों को भी तैनात किया जाएगा. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि बद्रीनाथ धाम की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए वह शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम जाएंगे,ताकि वहां की व्यवस्थाओं को देखा जा सके.
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी संख्या के बाद सभी धामों में उपलब्ध व्यवस्थाओं पर भारी दबाव है. मौसम और कठिन परिस्थितियों के चलते बुजुर्ग और पहले से बीमार कई तीर्थयात्रियों की मौत भी हो चुकी है. यात्रा पर निगाह बनाए हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी राज्य सरकार से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है. अव्यवस्था को रोकने के लिए अब कुछ इंतजाम किये गये हैं. जैसे अब बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी यात्रा नहीं कर पाएगा. रात के समय मंदिर खुलने का समय बढ़ा दिया गया है. अब रात 10 बजे के बाद भी भक्त केदारनाथ के दर्शन कर पाएंगे. केदारनाथ धाम में भीड़ ना हो, इसलिए भक्तों को सोनप्रयाग, गौरीकुंड, गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग जैसी जगहों पर ही रोका जा रहा है.
28 तीर्थयात्रियों की अब तक मौत
बीते 3 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा के दौरान अब तक लगभग 28 तीर्थयात्रियों की मौतें हो चुकी हैं, इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. मुख्य सचिव उत्तराखंड एसएस संधू ने कैबिनेट में हुई ब्रीफिंग के बाद चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं पर जानकारी दी कि प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में पहली बार आईटीबीपी के जवानों की कम्पनी को यात्रा व्यवस्थाओं को संभालने के लिए कमान सौंपी गई है. वही अगर जरूरत पड़ी तो सेना के जवानों को भी तैनात किया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चारधाम यात्रा के लिए हुए रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन, यात्रियों के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट होगी अनिवार्य
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