हमारे देश में बड़े-बुजुर्गों से मिलने के लिए एक निश्चित दूरी से प्रणाम किया जाता है और या फिर उनके पांव छुए जाते हैं लेकिन फ्रांस और यूक्रेन में डबल और ट्रिपल किस से उनका स्वागत किया जाता है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ अजीबोगरीब स्वागत प्रथाओं के बारे में बताएंगे. कुछ देशों में शारीरिक नज़दीकी की गर्मजोशी और स्वागत का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कुछ देशों में दूर से ही स्वागत करके मेहमानों के प्रति सम्मान का प्रदर्शन किया जाता है. आपको कुछ प्रथाएं तो अपने जैसी लगेंगी लेकिन कुछ बिल्कुल ही अलग और अनोखी हैं.
भारत के पड़ोसी देशों में शुमार तिब्बत में लोग घर आए मेहमानों को देखकर अपनी जीभ बाहर निकालते हैं. भारत में इसे भले ही जीभ चिढ़ाना कहा जाता हो, लेकिन तिब्बत में ये सम्मानसूचक संकेत है. तिब्बत में ये कोई बुरा संस्कार नहीं बल्कि अभिवादन की परंपरा है. जब भी लोग एक-दूसरे से मिलते हैं तो वे उनका जीभ दिखाकर स्वागत करते हैं. बताते हैं 9वीं सदी से यहां ये परंपरा चली आ रही है. राजा लंगडरमा ने इस रिवाज़ को जन्म दिया था और तब से लोगों ने इसे अपना लिया.
ग्रीनलैंड में मेहमानों से मिलते वक्त आपस में नाक रगड़ी जाती है, जिसे कुनिक कहा जाता है. हमारे देश में बच्चों को खिलाते हुए इस तरह प्यार जताया जाता है, लेकिन ग्रीनलैंड कुनिक एक औपचारिक अभिवादन है. इसके अलावा वे एक-दूसरे के गाल और बाल भी सूंघते हैं. इतना नहीं है ओशिनिया के देश तवालू में भी मेहमानों का स्वागत करते हुए उनके चेहरे के पास जाकर उनकी खुशबू को महसूस किया जाता है. इसे सोगी कहते हैं.
केन्या में रहने वाले मासइ आदिवासी समुदाय के बारे में आपने सुना होगा. इनके स्वागत सत्कार का तरीका भी ज़रा अलग है. ये लोग मेहमान देखते ही नाचना शुरू कर देते हैं. एक खास तरह का अदामु नृत्य मेहमानों के स्वागत के लिए किया जाता है, जिसमें ऊंची से ऊंची छलांग लगाई जाती है.
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