नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने जीएसटी मुआवजे की बकाया पूरी राशि राज्यों को हस्तांतरित कर दी है. 31 मई, 2022 तक के मुआवजे के रूप में बन रही 86,912 करोड़ रुपये की राशि मंगलवार को सरकार ने रिलीज कर दी. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. कुल जारी की गई 86,912 करोड़ रुपये की राशि में से 47,617 करोड़ जनवरी तक के बकाया थे, 21,322 करोड़ फरवरी-मार्च और 17,973 करोड़ अप्रैल-मई के बकाया थे.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय इस तथ्य के बावजूद लिया गया है कि जीएसटी मुआवजा कोष में केवल लगभग 25,000 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं. शेष राशि केंद्र द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से जारी की जा रही है. गौरतलब है कि केंद्र इस साल जून से राज्यों को कर संग्रह में किसी भी प्रकार की कमी की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति देना बंद कर देगा.
यह है राज्यों की जीएसटी में हिस्सेदारी
राज्य जीएसटी की राज्यों के अपने टैक्स रेवेन्यू में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 55.4 फीसदी रही. जबकि वित्त वर्ष 2013-14 से 2016-17 के दौरान यह 55.2% थी. यह बताता है कि स्टेट जीएसटी और गैर-स्टेट जीएसटी की राज्यों के अपने टैक्सरेवेन्यू में हिस्सेदारी लगभग बराबर है. गौरतलब है कि 2017-18 और 2018-19 की अवधि के लिए राज्यों को द्विमासिक जीएसटी मुआवजा, मुआवजा कोष से समय पर जारी किया गया था.
बता दें कि राज्यों का संरक्षित राजस्व 14 प्रतिशत चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है, जबकि सेस संग्रह उसी अनुपात में नहीं बढ़ा है. कोविड-19 आने के बाद से सेस कलेक्शन में कमी के चलते प्रोटेक्टेड रेवेन्यू और एक्चुअल रेवेन्यू के बीच काफी अंतर आ गया. अंतर को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने उधार लेकर 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये राज्यों दिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुंबई ने दिल्ली को 5 विकेट से हराया, प्लेऑफ में पहुंंचा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
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