नई दिल्ली. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशिया कप टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतकर अपना अभियान बुधवार को समाप्त किया. भारत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जापान को 1-0 से मात दी. खास बात रही कि जापान को मुकाबले में 7 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन बीरेंदर लाकड़ा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने विरोधी को कोई गोल नहीं करने दिया. अंतिम मिनट में भारतीय टीम 10 खिलाडिय़ों के साथ खेली लेकिन इसके बावजूद जापान कोई गोल करने में कामयाब नहीं हो पाया.
भारत ने शुरुआती क्वार्टर में ही बढ़त बना ली थी. राजकुमार पाल ने टीम के लिए एकमात्र गोल किया. हाफ टाइम तक स्कोर भारत के पक्ष में 1-0 था, जिस बढ़त को उसने अंत तक बरकरार रखा. यह टूर्नामेंट में भारत का दूसरा ब्रॉन्ज मेडल है.
भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशिया कप के फाइनल में जगह नहीं बना सकी थी. टीम को सुपर-4 के अंतिम मुकाबले में साउथ कोरिया ने 4-4 से बराबरी पर रोक दिया. बेहतर गोल औसत के कारण कोरिया और मलेशिया ने फाइनल में जगह बनाई. इससे पहले सुपर-4 के पहले मुकाबले में भी भारत ने जापान को 2-1 से हराया था. वहीं, मलेशिया से 3-3 से ड्रॉ खेला था. भारतीय टीम टूर्नामेंट की डिफेंडिंग चैंपियन थी, लेकिन इस बार उसे ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एशिया कप हॉकी: जापान से हारी भारतीय टीम, टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा
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