दिल्ली. रेस्टोरंट्स द्वारा खाने के बिल में सर्विस चार्ज जोड़े जाने पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है. केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि खाने के बिल में रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते हैं. हालांकि अगर ग्राहक चाहें तो अपनी मर्जी से होटल में अलग से टिप दे सकते हैं.
पीयूष गोयल ने कहा कि अगर रेस्टोरेंट के मालिक अपने कर्मियों को अधिक वेतन देना चाहता है तो वे खाने के मेन्यू कार्ड में रेट बढ़ा सकते हैं, क्योंकि देश में कोई प्राइस कंट्रोल नहीं है. उन्होंने रेस्टोरेंट मालिकों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सर्विस चार्ज हटाने के बाद उन्हें नुकसान होगा.
कंज्यूमर्स अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था कि सरकार जल्द ही सर्विस चार्ज खत्म करने के लिए लीगल फ्रेमवर्क लाएगी क्योंकि यह अनुचित है. गोयल ने कहा कि रेस्टोरेंट वाले खाने के बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते हैं और वे अगर अपने कर्मियों को अधिक बेनेफिट्स देना चाहते हैं तो इसके लिए ग्राहकों को बाध्य नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसके लिए खाने की कीमतें बढ़ा सकते हैं.
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की बैठक के बाद कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के मुताबिक सर्विस चार्ज लेना उपभोक्ता अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और यह अनुचित कारोबारी प्रैक्टिस है. सिंह ने कहा कि जल्द ही इसके लिए एक लीगल फ्रेमवर्क पर काम किया जाएगा, क्योंकि इससे पहले जो 2017 की गाइडलाइंस है वह कानूनी रूप से रेस्टोरेंट्स के लिए बाध्यकारी नहीं है.
इस बैठक में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया और कंज्यूमर ऑर्गेनाइजेशंस के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
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