अभिमनोजः पल-पल इंडिया ने कहा था.... आगे रास्ता बंद है?

अभिमनोजः पल-पल इंडिया ने कहा था.... आगे रास्ता बंद है?

प्रेषित समय :08:42:57 AM / Wed, Jun 8th, 2022

नजरिया. जिस उकसाने की राजनीति के दम पर बीजेपी केंद्र की सत्ता तक पहुंची है, वही भड़काऊ बयानबाजी अब मोदी सरकार के लिए सियासी संकट का सबब बनी है?
वही सियासत अब पीएम मोदी की नेशनल इमेज और इंटरनेशनल इमेज के बीच सवालिया निशान बन कर खड़ी है! यही वजह भी है कि बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को हिदायत दी है कि वे भड़काऊ बयान देने से बचें, यही नहीं, पार्टी नेताओं को भी पार्टी के स्टैंड के हिसाब से ही कमेंट करने को कहा गया है? खबरों की मानें तो विवादित बयानों के कारण मोदी सरकार को देश-विदेश में बैकफुट पर आना पड़ा है! 

इन हालातों की आशंका 8 नवंबर 2021 के पल-पल इंडिया में.... क्या मोदी भी उसी सियासी दोराहे पर हैं, जहां से आडवाणी आगे नहीं बढ़ पाए थे? में व्यक्त की थी....
जिन्ना के मुद्दे पर एक बार फिर बीजेपी के संस्थापक और सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी चर्चा में आ गए हैं? खबर है कि एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना पर दिए गए चर्चित और विवादास्पद बयान पर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा, तो सपा के वरिष्ठ नेता नारद राय ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी पहले अपने गिरेबां में झांके और अपने संस्थापक नेताओं में शामिल लालकृष्ण आडवाणी से पूछे कि वह पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाने क्यों गये थे? 

दरअसल, आडवाणी-मोदी जैसे फायरब्रांड नेताओं के समक्ष सियासी संकट यही रहा कि उन्हें बीजेपी में अपने समर्थकों के बीच लोकप्रियता बनाए रखने के लिए हिन्दुत्व वाली इमेज चाहिए थी, जबकि देश-विदेश में सर्वमान्य नेता बनने के लिए धर्मनिरपेक्ष नजर आना जरूरी था? शायद, यही वजह रही कि आडवाणी पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर गए? इसके बाद तो बीजेपी में, मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार करने वाले नरेंद्र भाई मोदी ने एलके आडवाणी की जगह ले ली! बड़ा सवाल यह है कि क्या अब नरेंद्र मोदी भी उसी सियासी दोराहे पर आकर अटक गए हैं, जहां कभी एलके आडवाणी थे? 

मोदी ने भले ही गुजरात के सीएम रहते मुस्लिम टोपी नहीं पहनी हो, लेकिन पीएम बनने के बाद वे विदेशों की सर्वाधिक मस्जिदों, मजार पर गए और मस्जिद में हरी शाल ओढ़े भी नजर आए?
हालांकि, उनकी इन यात्राओं को देश में उतना ज्यादा प्रचारित-प्रसारित नहीं किया गया, क्योंकि समर्थकों के नाराज हो जाने का बड़ा सियासी खतरा था, लेकिन इसका नतीजा यह है कि अब बीजेपी में मोदी के सापेक्ष योगी के समर्थक ठीक उसी तरह बढ़ते जा रहे हैं, जैसे कभी आडवाणी के सापेक्ष मोदी के बढ़े थे! देखना दिलचस्प होगा कि क्या निकट भविष्य में योगी उसी तरह मोदी की जगह ले पाएंगे, जिस तरह कभी मोदी ने आडवाणी की जगह ली थी? सियासी सयानों का मानना है कि पीएम मोदी अपने समर्थकों के तेवर नहीं बदल सकते हैं, अलबत्ता, ऐसा ही चलता रहा तो समर्थक अपना नेता जरूर बदल देंगे!

* उर्वीश कोठारी @urvish2020 .... प्रधानमंत्री प्रतिष्ठा पुनःस्थापन परियोजना की प्रतीक्षा!
https://palpalindia.com/2022/06/07/delhi-urvish-Kothari-Waiting-for-Prime-Minister-Reputation-Restoration-Project-modi-government-Political-Make-up-news-in-hindi.html
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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