राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने स्थिति लगभग साफ कर दी है। उन्होंने सोमवार को हुई बैठक में बताया कि वह राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का चेहरा नहीं हैं। माना जा रहा था कि पवार इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं, हाल ही में खबरें सामने आई थी कि कई छोटे-बड़े सियासी दलों ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं।
सोमवार को एनसीपी के कैबिनेट सदस्यों के साथ पवार ने बैठक की थी। उन्होंने कहा था, 'मैं दौड़ में नहीं हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार नहीं बनूंगा।' खास बात है कि इससे एक दिन पहले ही महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी पवार के नाम पर समर्थन जताया था। वहीं, रविवार को आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने उनसे मुलाकात की थी।
अब किन नामों पर हो सकता है विचार- मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पवार के इनकार करने की स्थिति में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नाम पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और G-23 समूह के नेता गुलाम नबी आजाद का नाम भी सामने आ रहा है।
ममता बनर्जी की बैठक का क्या?- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 15 जून को बैठक बुलाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी सूत्र ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो भाजपा के खिलाफ ताकतवर उम्मीदवार उतारने की कोशिश कर रहीं बनर्जी के प्रयासों को मजबूत करेंगे। वह बड़े विपक्षी दलों के साथ समन्वय करना चाहते हैं, ताकि बीजेपी के लिए राह आसान न हो।'
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