हमारी स्किन जीवन भर एक जैसी नहीं रहती. मसलन, टीनएज में ब्रकआउट की समस्या रहती है, मिडिल एज में ड्राई स्किन की और उम्रदराज होने पर रिंकल की. ये सारी मैच्योर होती स्किन की एक सामान्य प्रक्रियाएं हैं, जिससे सभी लोगों को गुजरना पड़ता है. एक खबर के मुताबिक, स्किन पर एक और बदलाव देखने को मिलता है और वो है अंडर आई एरिया के स्किन पर छोटे-छोटे सफेद रंग के बम्प्स यानी दानों का होना. दरअसल, इसे ही चिकन स्किन कहा जाता है. कई बार ये आंखों के नीचे बहुत ही प्रॉमिनेंट और बंपी नजर आते हैं. अगर इनमें जलन या खुलजी हो रही है, तो ये समस्या सीरियस हो सकती है और ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आमतौर पर 30 की उम्र के बाद ये समस्या शुरू होती है, जो केवल चेहरे ही नहीं, हाथ और पैरों पर भी देखा जा सकता है.
चिकन स्किन की वजह
कई बार ये किसी फूड रिएक्शन की वजह से होते हैं. कई बार स्किन पोर्स में कैरेटीन प्रोटीन क्लॉग हो जाने की वजह से चिकन स्किन की समस्या हो सकती है. हेयर फॉलिक्स के अंदर जब डेड स्किन जमा हो जाते हैं, तो भी ये समस्या हो सकती है.
चिकन स्किन का घरेलू इलाज
मॉइश्चराइज करें- ड्राई स्किन पर चिकन स्किन की समस्या अधिक गंभीर हो सकती है. ऐसे में जहां तक हो सके स्किन की नमी को बनाए रहें और लोशन या ओएनमेंट लगाते रहें.
गर्म पानी से नहाएं- गर्म पानी से नहाएं और अच्छी तरह से रगड़ रगड़कर डेड स्किन को निकालें. ऐसा करने से स्किन पोर्स क्लीन रहेंगे और सूजन की समस्या नहीं होगी, लेकिन अधिक देर तक गर्म पानी में ना रहें.
ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल- स्किन की नमी को बनाए रखने के लिए आप घर पर ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें. ये आपकी स्किन में नेचुरल तरीके से नमी को बनाए रखने में मदद करेगा.
रोज वॉटर का इस्तेमाल- शोध में पाया गया है कि गुलाब जल में एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट होते हैं. आप अगर रूई की मदद से स्किन को इससे वाइप करें, तो स्किन पर ऐसी समस्या को रोका जा सकता है.
ओटीसी क्रीम का इस्तेमाल- स्किन पर मौजूद डेड स्किन सेल्स को हटाने और पोर्स को क्लियर रखने के लिए आप ओटीसी क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये तुरंत फॉलिकल्स को ब्लॉक करने का काम करते हैं, जिससे चिकन स्किन की समस्या नहीं बढ़ती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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