आज का दिनः शनिवार, 25 जून 2022, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

आज का दिनः शनिवार, 25 जून 2022, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

प्रेषित समय :19:18:57 PM / Fri, Jun 24th, 2022

* मासिक कार्तिगाई शिवजी की ज्योति स्वरूप आराधना का पर्व है.
* इस अवसर पर यथाशक्ति दीप प्रज्वलित करें एवं बारह ज्योतिर्लिंग की स्तुति करें, जीवन में निराशा का अंधकार समाप्त होगा... नई दिशा मिलेगी...
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र -
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्.
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ..1..
भावार्थ- भोलेनाथ अपनी भक्ति प्रदान करने के लिए परम रमणीय सौराष्ट्र क्षेत्र गुजरात में कृपा करके अवतरित हुए हैं. मैं उन्हीं ज्योतिर्मय लिंग स्वरूप, चन्द्रकला को आभूषण बनाए हुए श्री सोमनाथ की शरण में जाता हूं.
श्रीशैलशृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेऽपि मुदा वसन्तम्.
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ..2..
भावार्थ- अन्य पर्वतों से ऊंचा, जिसमें देवताओं का समागम होता रहता है. ऐसे श्री शैल श्रृंग में जो प्रसन्नतापूर्वक निवास करते हैं. जो संसार सागर को पार करने के लिए सेतु तुल्य हैं, उन्हीं श्रीमल्लिकार्जुन भगवान् को मैं नमस्कार करता हूँ.
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्.
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ..3..
भावार्थ- जो भोलेनाथ संतों को मोक्ष प्रदान करने को अवंतिकापुरी उज्जैन में अवतार धारण किए हैं, अकाल मृत्यु से बचने के लिए उन देवों के भी देव महाकाल नाम से विख्यात महादेव को मैं नमस्कार करता हूं.
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय.
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे ..4..
भावार्थ- जो भोलेनाथ कावेरी-नर्मदा के पवित्र संगम में स्थित मान्धाता नगरी में सदा निवास करते हैं, उन्हीं अद्वितीय ओंकारेश्वर नाम से विख्यात भोलेनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्.
सुरासुराराधितपादपद्मं श्री वैद्यनाथं तमहं नमामि ..5..
भावार्थ- जो भोलेनाथ पूर्वोत्तर दिशा में वैद्यनाथ धाम के अन्दर सदा ही पार्वती सहित विराजमान हैं, देव-दानव जिनके चरण कमलों की आराधना करते हैं, उन्हीं श्री वैद्यनाथ को मैं प्रणाम करता हूं.
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगैः.
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ..6..
भावार्थ- जो भोलेनाथ दक्षिण दिशा में स्थित सदंग नामक नगर में विविध आभूषणों से विभूषित हैं, जो भक्ति-मुक्ति को प्रदान करते है, उन्हीं अद्वितीय श्रीनागनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः.
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ..7..
भावार्थ- जो भोलेनाथ मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हैं, मुनीश्वरों द्वारा हमेशा पूजित हैं, उन्हीं केदारनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे.
यद्दर्शनात् पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्रयम्बकमीशमीडे ..8..
भावार्थ- जो भोलेनाथ गोदावरी नदी के पवित्र तट पर स्थित स्वच्छ सह्याद्रिपर्वत के शिखर पर निवास करते हैं, जिनके दर्शन से शीघ्र सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, उन्हीं त्रयम्बकेश्वर की मैं स्तुति करता हूं.
सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः.
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ..9..
भावार्थ- जो भोलेनाथ सुन्दर ताम्रपर्णी नामक नदी-समुद्र के संगम में श्रीरामचन्द्र के द्वारा अनेक बाणों से और वानरों द्वारा पुल बांधकर स्थापित किये गए हैं, उन्हीं श्रीरामेश्वर को मैं नियम से प्रणाम करता हूं.
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च.
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि ..10..
भावार्थ- जो भोलेनाथ डाकिनी-शाकिनी समूह में प्रेतों के द्वारा सदैव सेवित होते हैं, उन्हीं भक्तहितकारी भीमशंकर शिव को मैं प्रणाम करता हूं.
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्.
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ..11..
जो भोलेनाथ काशी में आनन्दपूर्वक निवास करते हैं, जो पाप समूह का नाश करने वाले हैं, ऐसे अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्.
वन्दे महोदारतरं स्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये ..12..
भावार्थ- जो भोलेनाथ इलापुर के सुरम्य मंदिर में विराजमान होकर समस्त जगत के आराधनीय हो रहे हैं, मैं उन घृष्णेश्वर की शरण में जाता हूं.
ज्योतिर्मयद्वादशलिंगकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण.
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च..13..
भावार्थ- जो भक्त क्रमपूर्वक कहे गये इन बारह ज्योतिर्लिंगों के स्तोत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करे तो इनके दर्शन से होने वाले फल को प्राप्त कर सकता है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज  विवाह की बात आगे बढ़ सकती है. अनावश्‍यक क्रोध से बचें. चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे. नए वस्‍त्र, आभूषण खरीदने का मन बनेगा. प्रवास संभव.

वृष राशि:- आज साथी से वैचारिक मतभेद उत्‍पन्‍न होगा. प्रेम में असफलता प्राप्‍त हो सकती है. अपनी व्‍यापारिक योजनाअों को गुप्‍त रखें. धोखे की आशंका है. पत्‍नी की सलाह काम आ सकती है. वाणी माधुर्य का लाभ लें.

मिथुन राशि:- आज भाग्‍य का साथ मिलेगा एवं अटके कार्यों में गति आएगी. लाभ में वृद्धि होगी. परिवार में सुख का वातावरण रहेगा. धर्म कर्म के कार्यों में रुचि बढ़ेगी. परिवार के साथ धार्मिक यात्रा सुखद रहेगी.

कर्क राशि:- आज आपसी लड़ाई झगड़ा कोर्ट तक पहुंच सकता है. मित्रों के साथ मनोरंजक यात्रा हो सकती है. सरकारी कार्य गति पकड़ेंगे. परिवार में वृद्धजनों की सेहत की चिंता हो सकती है.

सिंह राशि:- आज दिनचर्या अस्‍तव्‍यस्‍त रहेगी. आलस्‍य व थकान का अनुभव करेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. किराएदार से विवाद हो सकता है. परिवार में कोई धार्मिक आयोजन हो सकता है. पूजा पाठ से तनाव दूर होगा.

कन्या राशि:- आज अपने क्रोध व आवेश पर नियंत्रण रखें. कुछ साहसी फैसलों के कारण सफलता मिल सकती है. भाई बहन के मध्‍य प्रेम बढ़ेगा. आय व्‍यय का संतुलन बना रहेगा. सिरदर्द की समस्‍या हो सकती है.

तुला राशि:- आज धन कमाने के उचित अवसर मिलेंगे. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. निवेश सोच समझकर करें. किसी अप्रिय घटना का सामना करना पड़ेगा. स्‍वभाव चिड़चिड़ा रहेगा. यात्रा टालें.

वृश्चिक राशि:- आज संयमित खानपान रखें. अधिक जल का सेव करें. कोई धार्मिक अनुष्‍ठान या पूजा करने की योजना बनेगी. वाहन सुख मिलेगा. यात्रा से अर्थ लाभ हो सकता है.

धनु राशि:- आज थकावट व चिंता रह सकती है. खानपान का शौक सेहत खराब कर सकता है. दैनिक कार्य आसानी से हो जाएंगे. परिवार का सभी कार्यों में सहयोग मिलेगा. पत्‍नी को उपहार दे सकते हैं.

मकर राशि:- आज बुरी आदतों से दूर रहें. आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी. परिवार के साथ किसी तीर्थस्‍थल पर जा सकते हैं. मेहमानों का आगमन होगा. सरकारी कर्मचारी को लाभ की संभावना है.

कुम्भ राशि:- आज आय की स्थिति बेहतर बनेगी. वैवाहिक जीवन सुखमय होगा. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलेगी. नए संपर्कों का लाभ मिलेगा. मित्रों के साथ भ्रमण, मनोरंजन में समय बीते

मीन राशि:- आज लंबे समय से रुके कार्य गति पकड़ेंगे. भेंट व मुलाकातों का दौर जारी रहेगा. जीवनसाथी के साथ समस्‍या साझा कर सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों को लाभ की संभावना है. यात्रा टालें.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 
*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

 शनिवार का चौघडिय़ा 
दिन का चौघडिय़ा       रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- काल                  पहला- लाभ
दूसरा- शुभ                   दूसरा- उद्वेग
तीसरा- रोग                  तीसरा- शुभ
चौथा- उद्वेग                  चौथा- अमृ
पांचवां- चर                  पांचवां- चर
छठा- लाभ                    छठा- रोग
सातवां- अमृत            सातवां- काल
आठवां- काल             आठवां- लाभ

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग 
शनिवार, 25 जून 2022
मासिक कार्तिगाई
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते11
मास आषाढ
दिन काल13:57:58
तिथि द्वादशी - 25:11:38 तक
नक्षत्र भरणी - 10:24:10 तक
करण कौलव - 12:10:01 तक, तैतिल - 25:11:38 तक
पक्ष कृष्ण
योग धृति - पूर्ण रात्रि तक
सूर्योदय 05:24:34
सूर्यास्त 19:22:32
चन्द्र राशि मेष - 17:02:59 तक
चन्द्रोदय 27:04:59
चन्द्रास्त 16:14:00
ऋतु वर्षा
अभिजित मुहूर्त 11:46 ए एम से 12:40 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल पूर्व
चन्द्र वास पूर्व - 05:03 पी एम तक
दक्षिण - 05:03 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास पूर्व
* कर्पूरगौरं, करुणावतारं.... https://www.youtube.com/watch?v=G4Hk3q5VVbw

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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मास अनुसार देवपूजन

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