अगर आपके पास कुंडली नहीं है, अगर आप की कुंडली के ज्यादातर ग्रह पस्त हैं शनि ग्रह अस्त है. बहुत अनुष्ठान करा लिए, सही ज्योतिषाचार्य सही, गुरु या सही साधक नहीं मिला तो उसके बावजूद जिंदगी कैसे अच्छी होगी खुशियां कैसे आएंगी, हमारी कुंडली में 12 खाने हैं पर भौतिक ग्रह 7 और छाया ग्रह 2 तो तीन खाने जो खाली हैं. वह किसके हैं बड़े महत्वपूर्ण और यही तीन खाने ऐसे हैं जो खुद आपके हाथ में हैं, इन तीन खानों में आप खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बन सकते हो, खुद ही पीड़ित और खुद ही ज्योतिष बन सकते हो अपनी जिंदगी को खुद पलट कर रख सकते हो. नौ ग्रहों के 9 खानों के बाद दसवां खाना है दसवें ग्रह का वह है धरती ग्रह है, जिसे हम गिनते नहीं, उसमें आपका आता है कर्म और आपके शरीर में महत्वपूर्ण अंग अंगूठा, हमारा शरीर धरती के 3 मुख्य तत्वों से बना है जिनमें से वायु मिट्टी और पानी बाकी दो तत्व आकाशीय है अग्नि और आकाश हम जब भी ध्यान लगाते हैं खुद को बैलेंस करने के लिए तो जो ग्रह खराब है उसी की उंगली हम अंगूठे पर रखते हैं अंगूठा यानी हमारा धरती तत्व और हमारा यह शरीर उंगलियां यानी अलग-अलग ग्रह की प्रतीक या पंच तत्वों की प्रतीक.
जिस तरह का अनबैलेंस जीवन होता है वही उंगली अंगूठे पर रखकर ध्यान लगाया जाता है और उस ग्रह की ताकत, ऊर्जा अंगूठे में ट्रांसफर की जाती है या शरीर में ट्रांसफर की जाती है
आइए अब मुख्य बात ग्रह..... जिनकी यादें, साल्ट, पूर्व जन्मों की यादों के अनुसार हमारी प्रवृत्ति के अनुसार हमारे अंदर मिश्रित होते हैं और उन से लिए गए फैसले ही हमारा भविष्य और वर्तमान तय होते हैं. हमारा दसवां खाना पृथ्वी का 11वां खाना हमारे गृह का आज 11वें खाने के बारे बात करते हैं. घर का वास्तु इतना ज्यादा पावरफुल है कि वह सारे ग्रहों को ठीक कर सकता है. उनके बुरे प्रभाव को खत्म कर सकता है और जिंदगी सुख पूर्व कर सकता है. तो किसी भी हालत में अपने घर का वास्तु ठीक कीजिए.
घर की ढलान उत्तर पूर्व साइड में रखें, छत की भी और फर्श की भी, यह सबसे मुख्य पार्ट है यह आपके जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है पश्चिम और दक्षिण साइड भारी उत्तर और पूर्व साइड हल्का वायु और धूप उत्तर और पूर्व से आनी चाहिए घर के मुखिया का कमरा नृत्य कोण में घर की अलमारी घर का पैसा सब इसी कोण में रसोई अग्नि कोण में सीढ़ियां दक्षिण साइड में अगर बिटिया की शादी नहीं हो रही तो उसका कमरा वावय कोण में, घर के लोग अपने संप्रदाय अपने धर्म के अनुसार मंत्र का जप रोजाना करें. अपने इष्ट की भक्ति करते रहें. घर के मध्य में वास्तु यंत्र स्थापित होना चाहिए. घर का मध्य खाली होना चाहिए वहां कोई ज्यादा बोझ नहीं होना चाहिए, अगर मंत्र जप करने का समय नहीं है तो ऐसे कई तरह की बेल या छोटे यंत्र आते हैं कि उस पर मंत्र चलता रहता है घर की रसोई ठीक कर ली तो औरतों का जीवन सुखी कर लिया अगर औरतों का जीवन सुखी नहीं है तो घर की रसोई भी ठीक नहीं है. जिनका भी अग्नि कौन बढ़ा हुआ है प्लाट का, उनका व्यापार नहीं चलेगा, नृत्य कोण में दिक्कत है तो समाज में प्रतिष्ठा तथा औलाद को लेकर दिक्कत है .घर का वास्तु ठीक करने से घर रहने वाले सभी प्राणियों की कुंडली ठीक हो जाती है.
ध्यान से भी ग्रह ठीक होते हैं यह अगली पोस्ट में सिर्फ घर का वास्तु ठीक करके मैंने बहुत लोगों की जिंदगी बदल दी है, बीमार रहने वाली औरतों को ठीक किया है.जो वर्षों से ठीक नहीं हो रही थी संतान को लेकर मुश्किल है सिर्फ वास्तु ठीक करने से हो गई धन और पैसे की दिक्कत भी सिर्फ घर के वास्तु को ठीक करने से हो गई. कुछ लोगों की कुंडली ऐसी होती है कि मैं कितनी भी कोशिश कर लूं वह लोग जप अनुष्ठान नही करा पाते हैं ना वह बात मानते हैं उनका बस वास्तु ठीक कर दो फिर सब ठीक
शक्ति उपासक-आचार्य पटवाल
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 25 जून 2022 तक का साप्ताहिक राशिफल
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