अहमदाबाद. गुजरात के एक गांव गनासर के लोग इन दिनों बेहद निराश हैं. वजह है सारस क्रेन पक्षी के अंडे का नष्ट होना. गांव वाले पिछले 55 दिनों से दो सारस के अंडे की देखभाल कर रहे थे. लेकिन सोमवार की रात एक जंगली सुअर ने हमला कर इन अंडों को खत्म कर दिया. अंडे को एक अस्थीय आर्टिफिशियल वेटलैंड में रखा गया था. ये वेटलैंड करीब एक एकड़ की ज़मीन पर बनाया गया था. इस पर लगातार पानी की सप्लाई की जा रही थी, जिससे कि सारस के जोड़े वहां मौजूद रहे. साथ ही अंडे पर कोई जंगली जानवर हमला न कर दे.
गांव के भोजजी ठाकोर ने बताया कि एक महीने से उन्होंने ये सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया था कि सारस क्रेन के अंडे को नुकसान न पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘ये एकमात्र प्लॉट था जहां धान की कटाई मशीन का उपयोग करके नहीं बल्कि हाथ से की गई थी ताकि रखे गए अंडों को कोई नुकसान न पहुंचे. पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण के लिए लगातार मेहनत की गई. ग्रामीणों ने पहले बर्तनों और बाल्टियों का उपयोग करके पानी लाया और बाद में फतेहवाड़ी नहर से बहने वाले पानी को मोड़ने के लिए चैनल बनाए.’
2 मई को भोजजी ठाकोर को पता चला कि सारस के जोड़े ने अंडे दिए है. उन्होंने बताया की भयंकर गर्मी के चलते खेत के पानी सूख गए थे. इसके बाद उन्होंने खेत में पानी भरा जिससे कि दूसरे जानवरों को वहां से दूर रखा जा सके. बच्चे से लेकर बुजुर्ग हर कोई बेहद खुश थे. गावं वालों ने कहा था कि वो अंडे से चूजे निकले बाद जश्न मनाएंगे. लेकिन अब सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. साल 2010 के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में सारस क्रेन की संख्या महज 1900 थी. पिछले 10 सालों से इसकी गिनती दोबारा नहीं हुई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अब राज्य में महज 600 सारस क्रेन ही बचे होंगे. सारस क्रेन दुनिया भर में सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी माना जाता है. इसकी गर्दन बहुत ही लम्बी होती हे और पैर भी होते हैं.
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