जगन्नाथ मंदिर ही नहीं, मन मोह लेंगे ओडिशा के ये 8 ऐतिहासिक जगहें 

जगन्नाथ मंदिर ही नहीं, मन मोह लेंगे ओडिशा के ये 8 ऐतिहासिक जगहें

प्रेषित समय :10:36:24 AM / Thu, Jun 30th, 2022

ओडिशा का नाम आते ही पुरी में जगन्नाथधाम औऱ कोणार्क सूर्य मंदिर का ध्‍यान आता है. ये दोनों ही जगहें श्रद्धालुओं के आस्था का प्रमुख केंद्र हैं. अपने इतिहास, समृद्ध परंपरा और प्राकृतिक संपदाओं से भरा पड़ा उड़ीसा सैलानियों को अन्‍य कई कारणों की वजह से भी आकर्षित करता है. यहां की खूबसूरत समुद्री तटें, सैंकड़ों दर्शनीय मंदिर और ऐतिहासिक जगहें पूरे भारत में बेहद लोकप्रिय हैं. अगर आप ओडिशा के अन्य दर्शनीय स्थलों को भी एक्‍सप्‍लोर करना चाहते हैं, तो हम आपको बताते हैं कि आप यहां के किन बेहतरीन टूरिस्ट जगहों पर जा सकते हैं और अद्भुत नज़ारों का आनंद उठा सकते हैं.

गन्नाथ मंदिर
जगन्‍नाथ मंदिर को भला कौन नहीं जानता है. 12वीं शताब्दी में गंगा राजवंश के शासक द्वारा बनवाया गया ये मंदिर बरसों से रथ-यात्रा के लिए दुनियाभर के आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवताओं में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा हैं, जिनका दर्शन करने सैलानी लाखों की तादाद में यहां पहुंचते हैं. मंदिर शहर के बीचो-बीच एक ऊंचे चबूतरे पर बना है, जो करीब सात मीटर ऊंची दीवारों से घिरा है. इस मंदिर में कई रहस्‍य आज भी मौजूद हैं, जिस पर वैज्ञानिक भी आश्‍चर्य करते हैं.

कटक
कटक महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित शहर है, जो पहले ओडिशा की राजधानी हुआ करता था. यह शहर राज्‍य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. 1000 साल से भी अधिक के अपने इतिहास के लिए ये शहर सैलानियों के लिए खास शहर रहा है. महानदी बैराज, बाराबती का किला, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, अंसुपा झील, सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं.

भुवनेश्वर
भुवनेश्‍वर यानी कि मंदिरों का शहर. भुवनेश्वर ओडिशा में घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है. ओडिशा की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला यह शहर लंबे समय तक राजा शिशुपाल के शासन का हिस्‍सा था, जिस वजह से यहां का इतिहास, विरासत और शहरीकरण उत्कृष्ट नजर आता है. इसके अलावा, यहां का वन्यजीव अभयारण्य, गुफाएं आदि भी भव्य चीजें समेटे हैं. धौली हिल्स, उदयगिरि और खंडगिरी गुफाएं, रत्नागिरी बौद्ध उत्खनन, बिंदु सरोवर, नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क यहां का मुख्‍य आकर्षण का केंद्र है.

पुरी
पुरी राजधानी से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर स्थित है. अगर आप किसी समुद्री जगह पर छुट्टी मनाने की सोच रहे हैं, तो एक बार यहां ज़रूर पहुंचे. ये जगह चार धाम यात्रा में भी महत्व मानी जाती है. यहां का पुरी बीच, पुरी जगन्नाथ मंदिर, चिल्का झील और पक्षी अभयारण्य और गुंडिचा प्रमुख आकर्षण का केंद्र है.

कोणार्क मंदिर
भारत के सात अजूबों में से एक कोणार्क सूर्य मंदिर वाकई अद्भुत नज़ारा पेश करती है. यहां की प्राचीन नक्काशी अभूतपूर्व है. मंदिरों और समुद्र तटों के अलावा, आप यहां के पुरातात्विक संग्रहालय भी ज़रूर जाएं. बता दें कि यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है.

जेपोर
जेपोर शहर 16वीं शताब्दी में सूर्यवंशी राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था, जो पूर्वी घाट पर्वतमाला के बीच स्थित है. घने जंगलों, धुंध में छिपी घाटियों और खूबसूरत झरने से भरे इस स्‍थल को देखने के लिए देश भर से सैलानी यहां आते हैं. गुप्तेश्वर गुफाएं, सुनबेड़ा, देवमाली, दुदुमा जलप्रपात, जगन्नाथ सागर, हाथी पत्थर और कोलाब जलप्रपात आदि यहां ज़रूर देखें.

पारादीप
देश के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक पारादीप (जगतसिंहपुर जिले) खूबसूरत समुद्र तटों, घने जंगल, झरनों और किलों से भरा पड़ा है. पारादीप, महानदी और बंगाल की खाड़ी के मुहाने के इस खूबसूरत संगम पर बसा है, जिस वजह से यहां विशाल जहाजों और अन्य समुद्री गतिविधियों का नज़ारा देखा जा सकता है. यहां का पारादीप बंदरगाह, गहिरमाथा अभयारण्य, लाइट हाउस, झनकड़ी वाकई कमाल के हैं.

पिपली
छोटा सा शहर पिपली अपने शिल्प और हस्तशिल्प के लिए दुनिया भर में मशहूर है. यहां का एंब्रॉयड्री वर्क दुनियाभर में फेमस है. अगर आप शॉपिंग के शौकीन हैं, तो यहां से हस्तशिल्प और मूर्तियां आदि आप खरीद सकते  हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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