आज के दौर में स्मार्टफोन हमारी जरूरत बन गया है। एक तरफ जहां इसके काफी फायदे हैं, वहीं इससे कुछ नुकसान भी हैं। मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन को घातक बताया जाता है।
बीमारी का ठोस सबूत नहीं
अक्सर कई बार ऐसी खबरें सामने आती हैं, जिनमें बताया जाता है कि मोबाइल से कैंसर या ब्रेन ट्यूमर आदि गंभीर बीमारी हो सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी तक किसी भी रिसर्च में यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि किसी व्यक्ति को कैंसर या ब्रेन ट्यूमर या कोई दूसरी घातक बीमारी मोबाइल रेडिएशन के कारण हुई हो। हालांकि, तय सीमा (1.6 W/kg) से ज्यादा रेडिएशन छोड़ने वाले फोन का इस्तेमाल न करें तो बेहतर ही रहेगा।
जानें, क्या हो सकता है नुकसान
- रोजाना 50 मिनट तक लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
- मोबाइल फोन रेडिएशन से आपको कैंसर भी हो सकता है।
ऐसे करें बचाव
1. शरीर से रखें दूर: कोशिश करें कि मोबाइल फोन का शरीर से संपर्क कम से कम हो। फोन को शर्ट या टी-शर्ट की जेब में कभी न रखें। हालांकि फोन को पेंट की जेब में रखना भी सही नहीं है। बैग में रखें तो ज्यादा अच्छा है।
2. लैंडलाइन का ज्यादा इस्तेमाल: अगर आप किसी ऑफिस में जॉब करते हैं तो मोबाइल को अपनी डेस्क पर रखें और बात करने के लिए लैंडलाइन का प्रयोग करें। अगर घर पर भी लैंडलाइन फोन है तो उसका इस्तेमाल ज्यादा करें।
3. प्रयोग न होने पर स्विच ऑफ: इस तरीके का उपयोग करना पूरी तरह तो सभी के बस की बात नहीं है लेकिन जितना हो सके करना चाहिए। रात को सोते समय आप अपने मोबाइल को स्विच ऑफ कर सकते हैं।
4. स्पीकर पर बात: बेहतर होगा कि बातचीत के लिए हेंड्स फ्री स्पीकर या ईयर फोन का प्रयोग करें। बात पूरी होने के बाद ईयर फोन को कान से हटा दें। अगर हेंड्स फ्री स्पीकर का प्रयोग न करना चाहें तो फोन को कान से करीब 1-2 सेमी दूर रखकर बात करें।
5. वॉट्सऐप या मेसेज का करें प्रयोग: छोटी-छोटी बातों के लिए बेहतर होगा कि कॉल के बजाय वॉट्सऐप या मेसेज करें।
ऐसी स्थितियों से बचें
- चार्जिंग के दौरान मोबाइल पर बात न करें क्योंकि ऐसे में मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन लेवल 10 गुना तक बढ़ जाता है।
- मोबाइल में सिग्नल कमजोर और बैटरी बेहद कम होने पर भी उसका इस्तेमाल न करें, क्योंकि ऐसे में भी रेडिएशन बढ़ता है।
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