तापसी पन्नू से जब एक इंटरव्यू में फिल्मों में एक्ट्रेस की स्थिति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि कैसे फिल्म का बजट पुरुष-प्रधान और महिला-प्रधान फिल्मों के बीच की असमानता को दर्शाता है. तापसी पन्नू ने फिल्मों में कई शानदार रोल निभाए हैं. वे अपने किरदारों के जरिये महिलाओं के अधिकारों की बात कहती रही हैं. बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में, तापसी पन्नू ने अपनी फिल्म के बजट के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने इसकी तुलना ‘ए-लिस्टर्स’ एक्टर की सैलरी से की.
उन्होंने बताया कि यहां कैसे सिर्फ श्रीदेवी ही एक फीमेल सुपरस्टार हैं, जबकि मेल सुपरस्टार कई हैं, तापसी ने कहा कि एक्ट्रेस के पास अवसरों की कमी है. उन्होंने कहा कि ‘शाबाश मिट्ठू’ मेरी सबसे ज्यादा बजट की फिल्म है, फिर भी इसका बजट ए-लिस्टर्स एक्टर की सैलरी के बराबर है.
तापसी ने इस पर विस्तार से बताते हुए कहा, ‘मैं ए-लिस्टर्स के बारे में बात कर रही हूं जो टॉप पर नहीं हैं. मैं उन लोगों के बारे में बात कर रही हूं जो सूची में थोड़ा नीचे हैं. उनकी सैलरी मेरी पूरी फिल्म का बजट है. स्थिति अभी भी वैसी ही है, इसलिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है.’ उन्होंने यह भी बताया कि एक्ट्रेस के तौर पर हमने इस विषय को उठाया है और हम सही दिशा में आगे बढ़े हैं, जहां हम इन मतभेदों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. वे कहती हैं, ‘मुझे यकीन है कि अगर यह 10-12 साल पहले होता, तो मैं यहां बैठकर इस तरह की फिल्म का प्रचार नहीं करती. इसलिए, चीजें बदली हैं, लेकिन कहीं से भी इसे बराबर नहीं कहा जा सकता.’
‘शाबाश मिट्ठू’ की बात करें तो यह फिल्म महिला क्रिकेटर मिताली राज के जीवन और क्रिकेटर बनने के उनके सपने देखने की यात्रा से प्रेरित है. श्रीजीत मुखर्जी के निर्देशन में बनी यह फिल्म 15 जुलाई को रिलीज होने जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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