एकनाथ शिंदे गुट के द्वारा शिवसेना के धनुष-बाण चिन्ह पर भी दावा करने की संभावना है। इस बात का पूरा अंदाजा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी है। अब ऐसा लग रहा है कि उद्धव ठाकरे भी कानूनी लड़ाई में पार्टी का चुनाव चिह्न खोने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि शिवसेना के वफादारों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने चुनाव चिन्ह को लेकर एक बयान दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कानूनी लड़ाई में अगर आप धनुष-बाण का चिन्ह खो देते हैं तो एक नए प्रतीक के लिए तैयार रहें। ठाकरे ने शिवसैनिकों से यह भी कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि नया प्रतीक घरों तक कैसे पहुंचे।
उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद एक शिंदे गुट के प्रवक्ता विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "समय नहीं बीता है। मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं उद्धव ठाकरे के खिलाफ बात नहीं करूंगा। अगर वह वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करते हैं तो आगे का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।'' केसरकर ने कहा, ''उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे संबंध हैं। अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ वर्षों पुरानी दोस्ती है। भले ही वे किसी कारण से अलग हो गए हों लेकिन वे करीब आ सकते हैं।''
दीपक केसरकर ने कहा, ''हम महाराष्ट्र के विकास के लिए काम कर रहे हैं। सभी के लिए एक दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है। हम केवल प्रार्थना कर सकते हैं कि वे सही निर्णय लें। मुंझे भरोसा है कि उद्धव ठाकरे इसी दिशा में कदम उठाएंगे।'' एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह ने शिवसेना में एक बड़ा विभाजन पैदा कर दिया है। साथ ही अब उद्धव ठाकरे ने पार्टी को बचाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। इस बीच उद्धव ठाकरे को इस बात की चिंता सता रही है कि कानूनी लड़ाई में शिवसेना की पहचान खोनी पड़ सकती है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से अपील की है।
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