नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बना रही है. उन्होंने भारी वाहन मालिकों से प्रदूषण को रोकने के लिए इथेनॉल, मेथनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने का भी आग्रह किया. हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सरकार 2.5 लाख करोड़ रुपये की सुरंगों का निर्माण कर रही है.
उन्होंने कहा, हमारी योजना दिल्ली से मुंबई तक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की है. ट्रॉलीबस की तरह, आप ट्रॉली ट्रक भी चला सकते हैं. ट्रॉलीबस एक इलेक्ट्रिक बस है जो ओवरहेड तारों से बिजली खींचती है. एक इलेक्ट्रिक हाईवे आम तौर पर एक सड़क को इंगित करता है जो उस पर यात्रा करने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति करता है, जिसमें ओवरहेड पावर लाइन भी शामिल है.
गडकरी ने आगे कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी जिलों को फोर-लेन सड़कों से जोडऩे का निर्णय लिया है. यह देखते हुए कि प्रदूषण एक बड़ी चिंता है, गडकरी ने कहा, मैं भारी वाहन मालिकों से इथेनॉल, मेथनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने का अनुरोध करता हूं क्योंकि वे लागत प्रभावी और आयात विकल्प हैं.
मंत्री ने स्वीकार किया कि राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में भ्रष्टाचार के कारण भारी वाहन मालिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, इसलिए, हमें आरटीओ द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं का डिजिटलीकरण करना होगा.
मंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करना है. यह देखते हुए कि सड़क सुरक्षा के बारे में सतर्क रहने की जरूरत है, उन्होंने कहा, हमें प्रशिक्षित ड्राइवरों की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को हर तरह के परिवहन की जरूरत है. गडकरी ने यह भी कहा कि चीन, यूरोपीय संघ और अमेरिका की तुलना में भारत में लागत अधिक है.
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