नई दिल्ली. अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए बुरी हो सकती है. महंगाई की मार झेल रही आम जनता को इस महीने से बिजली बिल का भी झटका लगने वाला है. महाराष्ट्र में इस माह से बिजली की दरों में 10 से 20 प्रतिशत के इजाफे को मंजूरी दे दी गई है. महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने 1 जून से बिजली कंपनियों को फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज (एफएसी) लगाने की अनुमति दे दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से ग्राहकों से शुल्क की वसूली नहीं की गई थी. महाराष्ट्र में इसका असर बेस्ट के 10.5 लाख, 7 लाख टाटा पॉवर, 29 लाख अडानी इलेक्ट्रिसिटी और एमएसईडीसीएल के 2.8 करोड़ ग्राहकों पर पड़ने वाला है.
रिपोर्ट के मुताबिक बिजली बिल की दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें, रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल जैसे इलाके शामिल हैं. यह बढ़ोतरी आयातित कोयले और गैस पर आधारित बिजली स्टेशनों को चलाने की बढ़ती लागत के कारण की जा रही है. ग्राहक इस बढ़ोतरी को लेकर परेशान हैं. पिछले महीने, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा था कि भारत में बिजली की मांग बढ़ रही है. भविष्य में बिजली की मांग 205 गीगावॉट से अधिक हो सकती है.
इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बढ़ते तापमान ने बिजली की मांग को बढ़ा दिया है. इससे बिजली संकट की चिंता बढ़ गई है. चूंकि कोयला भंडार समाप्त हो गया और कई राज्यों ने एसओएस भेजा है. सरकार ने राज्यों को कोयला आयात बढ़ाने के लिए कहा और कोल इंडिया लिमिटेड को राज्य डिस्कॉम और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों की ओर से टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है. इस बीच महाराष्ट्र में पुलिस को बिजली बिल से संबंधित धोखाधड़ी की कई शिकायतें मिली है, जहां धोखेबाज बिजली विभाग के कर्मचारियों के रूप में ग्राहकों को मैसेज करते हैं कि बकाया बिलों के कारण बिजली काट दी जाएगी. इसके बाद धोखेबाज ग्राहकों को ऐप डाउनलोड करने और भुगतान करने के लिए कहते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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