भोपाल। ओजस फाउंडेशन द्वारा गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आयुर्वेद की चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अष्टांग हृदय का पूजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन NCISM के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा विषेष रूप से उपस्थित तथा आचार्य निलिम्प त्रिपाठी जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। ओजस फाउंडेशनके अध्यक्ष वैद्य मधुसूदन देशपाण्डे ने बताया कि गुरू पूर्णिमा ओजस फाउंडेशन का स्थापना दिवस है। इस वर्ष हमने 75 आत्मनिर्भर वैद्य बनाने का संकल्प लिया है तथा आयुर्वेद की विधाओं में प्रशिक्षण की दृष्टि से मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के साथ MOU किया है, इसके अंतर्गत अल्प अवधि के पाठ्यक्रम द्वारा वैद्यों को निदान एवं चिकित्सा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।
इस अवसर पर मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अरूण कुमार पाण्डे उपस्थित थे। ग्लोबल रिसर्च वेलफेयर सोसायटी के सचिव ने बातया कि हम सिकल सेल डिसॉर्डर एवम थैलेसीमिया जैसे रोग पर आयुर्वेद द्वारा नियंत्रण के लिए शोध परियोजनाओं पर ओजस फाउंडेशन के साथ मिलकर कार्य करेंगे। इस दृष्टि से MOU किया गया। इस अवसर पर डॉ. चन्द्र बहादुर दांगी द्वारा लिखी गई पुस्तक उनके शोध पर आधारित सिकल सेल एनीमिया डिसऑर्डर्स का विमोचन भी किया गया।
डॉ. राकेश शर्मा ने आयुर्वेद की गुरू परम्परा पर अपने विचार रखते हुए कहा कि यह परम्परा आज भी कायम है, लेकिन इसमें नवीन तकनीक एवं आधुनिक शोध का भी समावेश करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर ओजस फाउंडेशन की वेबसाईट का लोकापर्ण किया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली, पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय, धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थी, नगर के प्रतिष्ठित वैद्य, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ध्रुव तिवारी ने किया तथा आभार व्यक्त सुवर्णा सावरकर ने किया।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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