इन तीन कारण से बढ़ सकती है कूल्हों पर चर्बी, जानिए इससे निजात पाने के उपाय

इन तीन कारण से बढ़ सकती है कूल्हों पर चर्बी, जानिए इससे निजात पाने के उपाय

प्रेषित समय :11:30:03 AM / Tue, Jul 19th, 2022

बढ़ते वजन के साथ शरीर में कई अन्य स्वास्थ्य जोखिमों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके साथ ही शरीर के विभिन्न अंगों में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाने से बॉडी स्ट्रक्चर भी बिगड़ जाता है। क्या आप भी इस समस्या की शिकार हो चुकी है? क्या आपका बट फैट भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है? तो आपको बता दें कि बढ़ता वजन थाइज, पेट के निचले हिस्से और बट को काफी ज्यादा प्रभावित कर देता है। वजन बढ़ते ही सबसे पहले इन जगहों पर एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह शरीर के स्ट्रक्चर को बुरी तरह प्रभावित कर देता है। 

वजन बढ़ते ही सबसे पहले इन जगहों पर एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह शरीर के स्ट्रक्चर को बुरी तरह प्रभावित कर देता है। बट फैट बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। चलिए जानते हैं उन कारणों और इसे नियंत्रित करने के कुछ प्रभावी तरीकों के बारे में। 

जाने बट फैट होने के 3 सामान्य कारण

1 मेनोपॉज के दौरान
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल चेंजेज की वजह से हिप, बटॉक्स और पेट के निचले हिस्से में फैट जमा हो जाता है। वही प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजेन ड्रॉप होने से भी बट फैट जैसी समस्या देखने को मिलती है।

2 अस्वस्थ खानपान की आदत
प्रोसैस्ड फूड, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर ड्रिंक्स जैसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन पेट के निचले हिस्से, हिप और बटॉक्स में फैट जमा होने का कारण बन सकता है। इसके साथ ही यह खाद्य पदार्थ इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देते हैं जिसके कारण बॉडी में फैट स्टोरेज बढ़ने लगता है।

3 लंबे समय से चल रहा तनाव
जब आप तनाव में होती हैं, तो शरीर कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन रिलीज करता है। वहीं लंबे समय से तनाव में रहने के कारण ब्लड में कॉर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है, और यह बेली और बट फैट का कारण बन सकता है।

बट फैट कम करने के लिए 5 इफेक्टिव एक्टिविटीज
1 रनिंग
बॉडी के किसी भी पार्ट्स का एक्स्ट्रा फैट कम करने के लिए रनिंग सबसे ज्यादा प्रभावी होता है। रनिंग लेग और बट मसल्स को टोन करता है। ऐसे में थाइज और बटॉक्स के एक्स्ट्रा फैटस बर्न होते है और इन्हें एक अच्छी शेप मिल जाती है। रनिंग हार्ट और लंग्स फंक्शनस को भी संतुलित रखता है। कई स्टडी में बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति रनिंग नहीं कर सकता तो नियमित रूप से वॉक करना भी कैलरीज बर्न करने का एक बेहतर विकल्प होता है।
2 साइड लाइंग हिप एबडक्शन
साइड लाइंग हिप ऐब्डक्शन ग्लूटस मेडियस मसल्स को मजबूत बनाए रखती है। यह एक्सरसाइज एक्स्ट्रा फैट को रिड्यूस करने के साथ घुटनों के दर्द को भी कम करने में मदद करती है।

इन स्टेप्स के साथ करें साइड लाइंग हिप एब्डक्शन
साइड पोजीशन में लेट जाएं अपने हाथों के सहारे सिर को ऊपर की ओर रखें। घुटने और पैर को बिल्कुल सीधा रखें।
अब धीरे-धीरे अपने एक पैर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर उठाएं। ध्यान रहे बिना हिले डुले उसी पोजीशन में ऐसा करना है।
अब पैर को नीचे करें और फिर दोबारा इसी तरह दोहराएं। उसके बाद करवट बदल कर दूसरी ओर से दूसरे पैर के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही करें। उचित परिणाम के लिए इस एक्सरसाइज का कम से कम 20 का 2 सेट जरूर करें।

यदि एक्सरसाइज की इंटेंसिटी बढ़ानी है, तो एंकल वेट का इस्तेमाल कर सकती हैं।

3 सीढ़ियां चढ़ें
अन्य विकल्पों का प्रयोग करने की जगह ऑफिस घर और अन्य स्थानों पर सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करें। बट फैट रिड्यूस करने का यह एक सबसे आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है। सीढ़िया चढ़ते वक्त हमारे बट और थाइज के मसल्स पर प्रेशर पड़ता है, और यह एक बेहतर शेप ले सकते हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक डाटा के अनुसार कुछ महिलाओं को नियमित रूप से सीमित समय के लिए सीढ़ियां चढ़ने को कहा गया। ऐसा करने वाली सभी महिलाओं की सेहत में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिला। इसके साथ ही सीढ़ियों का प्रयोग करने से काफी ज्यादा कैलरीज बर्न होती है।

4 स्क्वाट्स
स्क्वाट सभी के एक्सरसाइज प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्क्वाट बट, लेग्स और पेट के निचले हिस्से की मसल्स पर एक साथ काम कर सकता है। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो स्क्वाट बट फैट को कम करने के लिए एक सबसे बेहतर विकल्प होता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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