कुशीनगर: सनातन धर्म की रीतियों से विदेशी भी प्रभावित हो रहे हैं. यही वजह है कि सावन के पावन महीने में भगवान शिव की महिमा से प्रभावित होकर थाईलैंड का दो परिवार हर साल भारत आकर सावन में भगवान शंकर का रुद्राभिषेक कराता है. दरअसल, थाइलैंड की रहने वालीं दो बहनें फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस ने अपने बेटे बनपेट यम्मनीचाई के साथ यूपी के कुशीनगर में रामनगर स्थित शिव मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक किया.
विदेशी महिलाओं द्वारा रुद्राभिषेक करना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा. इस रुद्राभिषेक को देखने के लिए शिव मंदिर पर भीड़ लगी रही. भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करने के बाद थाई बहनों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जब वे वाराणसी आए थे, तभी उन्हें भगवान शंकर में श्रद्धा जगी थी, जिसके बाद हर साल वे भारत में सावन महीने में आकर रुद्राभिषेक कराती हैं.
दरअसल, थाईलैंड के सुफनबुरी बैंकाक का रहने वाला यह परिवार आखिर हिंदू धर्म को क्यों मानने लगा यह भी किसी रहस्य से कम नहीं है. बताया जाता है कि थाईलैंड निवासी फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस का परिवार बहुत आर्थिक तंगी और अन्य परेशानियों में जी रहा था. इस बीच वहां किसी भारतीय ने उन्हें भगवान शंकर की आराधना करने की सलाह दी. उस भारतवंशी ने उन्हें भगवान शंकर की तस्वीर देकर पूजा करने की विधि भी बताई. इसके बाद फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस के सपने में भी भगवान शंकर आने लगे. कुछ दिन पूजा करने के बाद परिवार की आर्थिक परेशानी दूर हुई तो पूरे परिवार ने पता करके वाराणसी आकर बाबा विश्वनाथ और मारकंडे महादेव का दर्शन किया.
वहां किसी ने उन्हें भगवान शंकर का रुद्राभिषेक कराने की सलाह दी. इसके बाद यह परिवार हर साल सावन में रुद्राभिषेक कराता है. कोरोना के कारण दो साल यह परिवार भारत नहीं आ पाया था. इस साल कुशीनगर आकर रुद्राभिषेक कराने का प्लान बनाया. कुशीनगर आकर पास में स्थित रामनगर शिव मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ दोनों बहनों ने रुद्राभिषेक किया.
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