आज का दिनः बुधवार, 28 जुलाई 2022, प्रकृति धर्म के लिए उत्तम कर्म- हरियाली अमावस्या संकल्प!

आज का दिनः बुधवार, 28 जुलाई 2022, प्रकृति धर्म के लिए उत्तम कर्म- हरियाली अमावस्या संकल्प!

प्रेषित समय :20:12:20 PM / Wed, Jul 27th, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
अमावस्या हर माह की 30वीं अर्थात कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है, जिस तिथि में चन्द्र और सूर्य साथ रहते हैं, वही अमावस्या तिथि है.
सावन की अमावस्या, हरियाली अमावस्या कहलाती है, जो प्रकृति की हरियाली की रक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाती है.
श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. यह सावन में पृथ्वी पर हरियाली के जन्मोत्सव की खुशियों का त्योहार है. इसका मुख्य उद्देश्य आमजन को प्रकृति के करीब लाना, हरियाली का महत्व दर्शाना एवं इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाना है. कई जगहों पर इस दिन मेले लगते हैं.
इस दिन कल्पवृक्ष, पीपल आदि पवित्र वृक्षों की पूजा करने का उत्तम फल मिलता है. यदि इस दिन पौधा लगाकर उसकी रक्षा की जाए तो जैसे-जैसे पौधा वृद्धि करेगा वैसे-वैसे हमारी की प्रगति होगी. पौधा अपने प्रियजन की समृद्धि की कामना के साथ भी लगा सकते हैं. उत्तम होगा यदि प्रकृति धर्म कर्म के लिए हरियाली अमावस्या पर हर साल एक पौधा लगाने का संकल्प लें!
हिन्दू धर्म में माना जाता है कि वृक्षों में देवताओं का वास होता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है तो केले के पौधे में श्रीविष्णु निवास करते हैं. आंवले के पौधे में भगवान लक्ष्मीनारायण बसते हैं तो बरगद में पितृ देवों का अंश होता है. श्वेत आक में गणपति का निवास होता है. इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना बहुत पुण्य का कार्य माना गया है. धर्म शास्त्रों के अनुसार एक वृक्ष दस योग्य पुत्रों के समान होता है.
हिंदू धर्म की मान्यता है कि पितृदेव अपने कुल के रक्षक होते हैं. अमावस्या के दिन किए गए दान, श्राद्ध, तर्पण से उन्हें प्रसन्नता मिलती है जो आशीर्वाद के रूप में हमें प्राप्त होती है और भाग्योदय होता है.
अमावस्या के अवसर पर किसी पवित्र तीर्थ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. हरियाली अमावस्या पर कई जगहों पर मेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी लोगों उत्साह के साथ शामिल होते हैं. इस अवसर पर गुड़ और गेहूं की धानी का प्रसाद वितरित जाता है. इस अवसर पर धान की सांकेतिक बुआई भी होती है ताकि आने वाली फसल का अनुमान लगाया जा सके. धर्मग्रंथों के अनुसार वृक्ष योनि पूर्व जन्मों के कर्मों का फल है जो परोपकार के लिए है.
अलग-अलग मनोकामनाएं पूर्ण करने हेतु विविध वृक्ष लगाए जाते हैं-
*धनलाभ प्राप्ति के लिए- तुलसी, आंवला, केल, बिल्वपत्र के वृक्ष लगाये. 
*उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए- ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आंवला, सूरजमुखी, तुलसी लगाये. 
*भाग्योदय के लिए- अशोक, अर्जुन, नारियल, बड़ के वृक्ष लगाये. 
*संतान सुख के लिए- पीपल, नीम, बिल्व, नागकेसर, गुड़हल, अश्वगंधा लगाये. 
*पद-पदोन्नति के लिए- आंकड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाये. 
*सुख-समृद्धि के लिए- नीम, कदम्ब और छायादार वृक्ष लगाये. 
*जीवन में आनन्द के लिए- पारिजात,   रातरानी, मोगरा, गुलाब आदि लगाये.
इनकी नियमित सेवा भी करें, क्योंकि जैसे-जैसे ये पेड़ पनपेंगे वैसे-वैसे सेवा करने वाला भी समृद्ध!
- आज का राशिफल- 
मेष राशि:- अनावश्यक बातचीत व खान-पान पर नियंत्रण जरूरी है. व्यर्थ के दिखावों व अपरिचितों से दूर रहें. मानसिक शांति की तलाश में रहेंगे. विवाह में विलंब की चिंता होगी.यात्रा संभव है. परीक्षा संबंधी कार्य आज पूरे होंगे.नौकरी संजीदगी से करें, व्यवसाय में कोशिशों के बावजूद मंदी रहेगी.

वृष राशि:- काम की अधिकता रहेगी. नौकरी में मनचाहा स्थानांतरण व पदोन्नति के भी योग बन रहे हैं. आर्थिक निवेश सोच-समझकर कार्य करें. पारिवारिक कार्यों में आप की पूछ परख बढ़ेगी.

मिथुन राशि:- आज आपको पत्नी से सहयोग व समर्थन मिलेगा. व्यवसाय में उन्नति संभव है. कारोबार में कुछ नवीन योजनाएं बनेंगी. आपके द्वारा लिए गए निर्णय गलत साबित होंगे.

कर्क राशि:- समाजिक आयोजनों में आप की प्रशंसा होगी. व्यापार, व्यवसाय में लाभदायक सौदे आत्मबल बढ़ायेंगे. आज साहस, पराक्रम बढ़ेगा. धर्म ग्रंथों के पठन-पाठन में अभिरुचि बढ़ेगी.

सिंह राशि:- आप बहूत जल्दी दूसरों के विश्वास में आ जाते है, सतर्क रहें. विपरीत परिस्थितियों से दृढ़ता से सामना कर सकेंगे. व्यापार में परेशानियों का अंत होगा. प्रेम प्रसंग के योग है. उधार लिया पैस कैसे चुकायेंगे इसी सोच में परेशान रहेंगे.

कन्या राशि:- आप की दिनचर्या में आये बदलाव से निजी कार्य प्रभावित होंगे. परिवार में मांगलिक अवसर आएंगे. व्यवसाय में लाभ के योग बन रहे है. नौकरों पर नजर रखें.

तुला राशि:- आज रुका धन मिलने से धन संग्रह बढ़ेगा. आत्मविश्वास के बल बुते पर आगे बढ़ेंगे. पारिवारिक सुख-संतोश बना रहेगा. मनोरंजन के कार्यों में रुचि बढ़ेगी. आज अपनी वस्तुएं संभालकर रखें.

वृश्चिक राशि:- अपने स्वास्थ्य के प्रति आप कितने लापरवाह है. किसी नए व्यापार में निवेश करने के योग हैं. आज विद्वानों के साथ रहने का अवसर मिलेगा. लाभदायक सौदे होंगे. प्रसिद्धि मिलेगी.

धनु राशि:- अपने संबंधों के प्रति आप लापरवाही कर रहे है. व्यवसाय में विकास की योजनाएं बन सकती हैं. आर्थिक अनुकूलता रहने से सुख साधन बढ़ेंगे. निजी जीवन में भागदौड़ के बाद सफलता की संभावना है.

मकर राशि:- नौकरी में बदलाव चाहते है, पर फैसला लेने में अस्मन्जस्य की स्थिति रहेगी. साहित्य पठन में रुचि बढ़ेगी. संतान के भविष्य की चिंता रहेगी. कारोबार में सोच-समझकर लिए गए निर्णय शुभ फल देंगे.

कुम्भ राशि:- समय का सदुपयोग करें. अपनी सांगत बदलें. दुसरों की उन्नती से दुखी न हो आप मेहनत करें और संकुचित मानसिकता बदलें. व्यापार में हर किसी पर विश्वास न करें. अपनों से प्रतिस्पर्धा से बचें. कानूनी विवाद पक्ष में हल होंगे.

मीन राशि:- समय पर काम होने से मन अशांत रहेगा. कलात्मक कार्यों का प्रतिफल मिलेगा. व्यापारिक नवीन योजनाएं बनेंगी. निर्माणकार्य में सुधार होगा. जीवनसाथी की भावनाओं का अपमान करने से बचें. वैवाहिक जीवन में तनाव रहेगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- बुधवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ                          पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत                          दूसरा- शुभ
तीसरा- काल                        तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ                             चौथा- चर
पांचवां- रोग                          पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग                            छठा- काल
सातवां- चर                           सातवां- लाभ
आठवां- लाभ                        आठवां- उद्वेग

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग  
बुधवार, 27 जुलाई 2022
हरियाली अमावस्या
आदि अमावसाई
दर्श अमावस्या
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते12
मास श्रावण
दिन काल13:36:15
तिथि चतुर्दशी - 21:13:42 तक
नक्षत्र पुनर्वसु - पूर्ण रात्रि तक
करण विष्टि - 08:02:33 तक, शकुन - 21:13:42 तक
पक्ष कृष्ण
योग हर्शण - 17:06:01 तक
सूर्योदय 05:39:17
सूर्यास्त 19:15:32
चन्द्र राशि मिथुन - 24:22:40 तक
चन्द्रोदय 28:56:00
चन्द्रास्त 18:37:00
ऋतु वर्षा
अभिजित मुहूर्त 11:36 ए एम से 12:29 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास दक्षिण

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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