-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
रामचरितमानस जन-जन का आदर्श धर्मग्रंथ है. जनसाधारण की भाषा और भावना का आकर्षक संगम है- रामचरितमानस!
श्रीरामभक्ति ने तुलसीदास को धर्मजगत में जो स्थान और सम्मान दिया है वह किसी के लिए भी संभव नहीं है. कितना सुखद क्षण रहा होगा जब तुलसीदास के गुरु ने बचपन में ही उनका नाम- रामबोला रखा था! सत्य है- भक्त हो तो तुलसीदास जैसा और भक्ति हो तो रामचरितमानस जैसी!
तुलसीदास का जन्म संवत् 1554 श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन वर्तमान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजपुर गाँव में हुआ. इनके पिता का नाम आत्माराम द्विवेदी तथा माता का नाम तुलसी था. जन्म लेते ही राम नाम का उच्चारण करने वाले तुलसीदास के जन्म के समय मुख में पूरे बत्तीस दांत थे. शायद पूर्व जन्म का अधूरा रहा भक्तिकर्म पूरा करने ही धरती पर आए थे- तुलसीदास!
इस बालक की विचित्र प्रतिभा से प्रभावित होकर माता-पिता ने उन्हे अपनी सेविका चुनिया को सौंप दिया. जब चुनिया देवलोक चली गई तो इस बालक पर अनंतानंद के शिष्य नरहरि आनंद की दृष्टि पड़ी और वे तुलसीदास को अपने साथ अयोध्या ले गए. नरहरि आनंद ने ही उनका नाम रामबोला रखा था.
और भक्तिमार्ग पर चल दिए... तुलसीदास का विवाह रत्नावली से हुआ. वे अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे. एक बार उनकी पत्नी उनको बिना बताए अपने पीहर चली गई तो उसी रात छिपकर तुलसीदास भी ससुराल पहुंच गए. इस घटना से उनकी पत्नी को बहुत शर्मिंदगी का अनुभव हुआ और उन्होंने तुलसीदास से कहा कि- मेरा शरीर तो मिट्टी का पुतला है. जितना तुम इस शरीर से प्रेम करते हो यदि उससे आधा भी भगवान श्रीराम से करोगे तो इस संसार के मायाजाल से मुक्त होकर अमर हो जाओगे!
उस सुवर्णक्षण के वचन ने तुलसीदास का जीवन ही बदल दिया और वे चल पड़े रामभक्ति की अनंत यात्रा पर!
तीर्थयात्रा के दौरान महावीर हनुमान की कृपा से उन्हें भगवान श्रीराम के दर्शन हुए और उसके बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन श्रीराम महिमा लेखन को अर्पित कर दिया.
रामचरितमानस तुलसीदास की प्रतिष्ठा है, पहचान है, लेकिन इसके अलावा उन्होंने अनेक जनभक्ति ग्रंथ- कवितावली, दोहावली, गीतावली, विनय पत्रिका आदि की भी रचना की. तुलसीदास का लेखन अवधी और ब्रज भाषा दोनों में मिलता है. जन-जन को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले ग्रंथ रामचरितमानस की रचना प्रचलित लोकभाषा में दोहा, चौपाई, कविता, पद लेखन आदि जनप्रिय गीति शैली में हुई है. इसी जनप्रिय भाषा शैली ने रामचरितमानस और तुलसी दास को अमर कर दिया है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज का पूंजी निवेश लाभदायी रहेगा. कार्यस्थल पर मान सम्मान की प्राप्ति होगी. व्यापार में वृद्धि होने के कारण काम आपकी योजनाओं के अनुसार होंगे. वायु विकार से पीड़ित रहेंगे.
वृष राशि:- समय रहते जरूरी दस्तावेजों को संभाल लें, सामाजिक कार्यों में सम्मान प्राप्त होगा. स्थायी संपत्ति क्रय करने में जल्दीबाजी न करें. परिवार की समस्या का समाधान होगा. निजी कार्य की व्यस्तता रहेगी.
मिथुन राशि:- आज रचनात्मक काम होंगे. नवीन अनुबंध व समझौतों के कारण आपके लाभ में वृद्धि होगी. दैवीय कार्यों में दिन बीतेगा. जनकल्याण की भावना के कारण प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
कर्क राशि:- पारमार्थिक कार्यो में धन लगेगा. सामाजिक कार्यों से सुयश मिलेगा और आप के प्रभाव में वृद्धि होगी. व्यापार अच्छा चलेगा. परिवार से सहयोग मिलने से कार्य आसानी से पूरे होंगे. अपनी परिवारिक जिम्मेदारी की ओर विशेष ध्यान दें.
सिंह राशि:- कार्य की अधिकता के बीच सफलता से मनोबल मजबूत अजनबी व्यक्ति का विश्वास न करें धोखा मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में वृद्धि के योग हैं. सक्रिय होने के कारण संबंध व परिचय क्षेत्र बढ़ेगा.
कन्या राशि:- सुख-समृद्धि बढ़ेगी. आर्थिक निवेश में सोच-समझकर निर्णय लेने पर लाभ होगा. कम बोलें अच्छा बोलें. स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी. परिवार, समाज में आपका महत्व बढ़ेगा.
तुला राशि:- व्यापार-व्यवसाय में चल रही उलझनों से परेशान रहेंगे. किसी परिजन के साथ अपने विशेष कार्य की पूर्ति के लिए देव स्थलों का भ्रमण करेंगे. लाभ होने की संभावना बनती है. किसी पुराने मित्र से मुलाकात सम्भव है.
वृश्चिक राशि:- दिन की शुरुवात में क्रोध हावी रहेगा. मन माफिक काम न होने से परिजनों पर नाराज होंगे. नौकरी में नया प्रस्ताव मिलेगा. धार्मिक रुचि बढ़ेगी. व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में न पड़ें.
धनु राशि:- निवेश किए धन से अर्जित होने वाले वाले लाभ में विलंब होगा. संतान के लिए निर्णय लेने में दुविधा होगी. अर्थ व्यवस्था बिगड़नें से निर्माण कार्य की गति प्रभावित हो सकती है.
मकर राशि:- कम समय में अधिक लाभ अर्जित करने के चक्कर में न उलझें. मेहनत करें. कार्यस्थल पर आपके पराक्रम की प्रशंसा बढ़ेगी. व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा. जल्दबाजी नुकसानदायक रहेगी.
कुम्भ राशि:- आज विशेष उन्नतिकारक योगों के कारण मन में प्रसन्नता रहेगी. मन को भक्तिभाव में लगाने की कोशिश करेंगे. कार्यस्थल पर अनुकूल परिणाम के लिए सक्रियता आवश्यक है. भवन निर्माण के लिए ऋण लेना पड़ सकता है.
मीन राशि:- आलस को त्याग कर काम करें. रुके कार्य में सफलता मिलेगी. पूंजी निवेश में सोच से अधिक लाभ होगा. अपनी कार्ययोजना और निर्णय पर अमल करना जरूरी है. किसी के प्रति आकर्षित होंगे.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- गुरुवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- शुभ पहला- अमृत
दूसरा- रोग दूसरा- चर
तीसरा- उद्वेग तीसरा- रोग
चौथा- चर चौथा- काल
पांचवां- लाभ पांचवां- लाभ
छठा- अमृत छठा- उद्वेग
सातवां- काल सातवां- शुभ
आठवां- शुभ आठवां- अमृत
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
- पंचांग-
गुरुवार, 4 अगस्त 2022
गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती
शक सम्वत1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते20
मास श्रावण
दिन काल13:26:25
तिथि सप्तमी - 29:07:58 तक
नक्ष त्रचित्रा - 18:48:24 तक
करण गर - 17:29:33 तक, वणिज - 29:07:58 तक
पक्ष शुक्ल
योग साघ्य - 16:34:00 तक
सूर्योदय 05:43:48
सूर्यास्त 19:10:14
चन्द्र राशि कन्या - 06:40:39 तक
चन्द्रोदय 11:31:00
चन्द्रास्त 23:07:59
ऋतु वर्षा
अभिजित मुहूर्त 11:50 ए एम से 12:42 पी एम
अग्निवास आकाश - 05:06 ए एम, अगस्त 05 तक , पाताल
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्र वास दक्षिण - 06:40 ए एम तक
पश्चिम - 06:40 ए एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण
जय श्रीराम!
https://www.youtube.com/watch?v=YOsVUtUrlyY&t=23s
सावन में बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन हुआ महंगा, सभी व्यवस्थाओं में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी
व्रत व पूजन के समय हनुमान जी के लाल पुष्प चढावे और लाल वस्त्र धारण करें
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