नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग को एकनाथ शिंदे धड़े की उस याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं लेने का निर्देश दिया है. याचिका में कहा गया है कि उसे ही असली शिवसेना माना जाए और पार्टी का चुनावी चिह्न दिया जाए. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले पर कहा कि वह महाराष्ट्र के हाल के राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को संविधान पीठ के पास भेजने पर सोमवार तक फैसला लेगी.
पीठ ने आगे कहा कि हम इस पर फैसला लेंगे कि मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में हाल के राजनीतिक संकट के दौरान शिवसेना और उसके बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इस संकट से राजनीतिक दलों में विभाजन, विलय, दल बदल और अयोग्य करार देने समेत संवैधानिक मुद्दे पैदा हुए हैं.
मालूम हो कि बीते एक महीने से महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार ने कामकाज संभाल रखा है. हालांकि एक महीना गुजर जाने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है. महाराष्ट्र में शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से एक-दूसरे के पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों ने अपने संवैधानिक सवाल कोर्ट में दिए थे. एकनाथ शिंदे ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था. उन्होंने इस नए हलफनामे में उद्धव ठाकरे गुट की सभी याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया था. इसके साथ ही शिंदे गुट ने कहा था कि चुनाव आयोग को यह तय करने दें कि असली ‘शिवसेना’ किस गुट का है.
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