प्रेग्नेंट महिलाओं को होता है जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा

प्रेग्नेंट महिलाओं को होता है जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा

प्रेषित समय :10:16:56 AM / Thu, Aug 11th, 2022

प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं के शरीर में इंसुलिन की कमी की वजह से जेस्टेशनल डायबिटीज विकसित हो सकती है. यह उन महिलाओं को भी हो सकती है, जिन्हें डायबिटीज पहले से न हो. हर साल अमेरिका में 2 से 10% महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान इस डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं. जेस्टेशनल डायबिटीज महिलाओं की हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करने के अलावा गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित होती है. अगर इसका इलाज न कराया जाए तो डिलीवरी के बाद भविष्य में महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

अमेरिकी के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं का शरीर के लिए जरूरी इंसुलिन नहीं बना पाता और जेस्टेशनल डायबिटीज की परेशानी हो जाती है. इंसुलिन एक हार्मोन होता है जो हमारे ब्लड शुगर के लेवल को मेंटेन करने में मदद करता है. यह डायबिटीज आमतौर पर गर्भावस्था के 24वें सप्ताह के आसपास विकसित होती है. इसलिए 24 से 28 सप्ताह के बीच डायबिटीज का टेस्ट कराना बेहद जरूरी होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई हार्मोनल चेंजेस हो जाते हैं. इन बदलावों की वजह से शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस बन जाता है और ब्लड शुगर मेंटेन करने के लिए एक्स्ट्रा इंसुलिन की जरूरत होती है. जिन महिलाओं का शरीर ज्यादा इंसुलिन नहीं बना पाता, वे इस डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं.

जेस्टेशनल डायबिटीज के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं. समय-समय पर टेस्टिंग के जरिए ही इसका पता लगाया जा सकता है. इस डायबिटीज की वजह से करीब 50% महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज डेवलप हो जाती है. हालांकि जरूरी कदम उठाने से डायबिटीज होने के खतरे से बचा जा सकता है. जेस्टेशनल डायबिटीज की वजह से महिलाओं का ब्लड प्रेशर बिगड़ सकता है. ब्लड शुगर लो हो सकती है. बच्चे का वजन काफी बढ़ सकता है जिससे डिलीवरी में दिक्कतें आती हैं.

इस तरह करें बचाव

  • प्रेग्नेंसी से पहले अपना वजन कंट्रोल रखें. अगर वजन ज्यादा है, तो उसे घटाने की कोशिश करें. प्रेग्नेंसी के दौरान वजन घटाना खतरनाक होता है. गर्भावस्था में ऐसा बिल्कुल न करें.
  • जेस्टेशनल डायबिटीज प्रेग्नेंसी के 24वें सप्ताह के आसपास विकसित होती है. ऐसे में 24 से 28 सप्ताह के बीच डायबिटीज का टेस्ट कराएं. इससे पहले भी टेस्ट कराया जा सकता है.
  • हेल्दी डाइट लेने से आप इस समस्या से बच सकते हैं. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहना बहुत जरूरी होता है. हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी इस बीमारी का खतरा कम कर देती हैं.
  • किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें और उसकी सलाह के अनुसार दवाइयां लें. ऐसी कंडीशन में घरेलू नुस्खे आजमाने की कोशिश न करें.
    Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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