श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने शुक्रवार को एक और प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मृतक की पहचान बिहार के 19 वर्षीय लड़के मोहम्मद अमरेज के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, यह घटना बांदीपोरा जिले के तहसील अजस में, सदुनारा गांव में हुई है. अमरेज मधेपुरा जिले के बेसाढ़ गांव का रहने वाला था. उसके पिता का नाम मोहम्मद जलील बताया गया है. अमरेज यहां मजदूरी करने आया था. उसके बारे में अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले से बताया कि गुरुवार मध्य रात्रि को बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में आतंकवादियों ने बिहार निवासी प्रवासी मजदूर पर गोलियां चलाईं और उसे घायल कर दिया. मजदूर को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इससे पहले 4 अगस्त को पुलवामा के गदूरा इलाके में आतंकियों के ग्रेनेड हमले में एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी दो अन्य घायल हो गए थे. मृतक मजदूर की पहचान बिहार के सकवा परसा निवासी मोहम्मद मुमताज के रूप में हुई थी. घायलों का पुलवामा के सरकारी जिला अस्पताल में इलाज चला. उनकी पहचान मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद मजबूल के रूप में हुई थी. दोनों बिहार के रामपुर के रहने वाले थे.
आतंकवादियों द्वारा घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्याओं का सिलसिला नहीं थम रहा है. अप्रैल में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काकरान इलाके में आतंकवादियों ने एक व्यक्ति को गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी पहचान सतीश सिंह राजपूत के तौर पर हुई थी. आपको बता दें कि कश्मीर घटी में सक्रिय आतंकवादी संगठनों ने गैर स्थानीय लोगों को चेतावनी भी दी है कि वे यहां से चले जाएं. प्रधानमंत्री पुर्नवास पैकेज के तहत घाटी में तैनात कश्मीरी पंडित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों को भी आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग्स की वजह से सरकारी कर्मचारी, प्रवासी मजदूर दहशत में हैं. गत दिनों आतंकवादियों ने यहां टीवी आर्टिस्ट, बैंक कर्मी, सरकारी मुलाजिमों को भी निशाना बना रहे हैं.
बीते कुछ महीनों में आतंकवादियों द्वारा गैर-कश्मीरियों और कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग ने चिंता बढ़ा दी है. बीते मार्च अप्रैल में 26 दिनों के अंदर टारगेट किलिंग की 10 घटनाएं सामने आने के बाद कश्मीरी पंडितों और प्रवासियों ने घाटी से पलायन भी शुरू हो कर दिया था. बीते कुछ महीनों में जम्मू.कश्मीर में ज्यादातर टारगेटेड अटैक अल्पसंख्यकों, प्रवासियों और सुक्षा कर्मियों को निशाना बनाने के मकसद से किए गए हैं. ऐसे 14 मामलों में सुरक्षा बलों ने उन आतंकवादियों या उनके कथित सहयोगियों को मार डाला या गिरफ्तार किया है, जिनके टारगेटेड अटैक में शामिल होने का संदेह था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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