कश्मीर. जम्मू कश्मीर सरकार ने आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी सहित चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. जम्मू कश्मीर में बर्खास्त किए गए चार कर्मचारियों में पाकिस्तान के हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा सैयद अब्दुल मुईद भी शामिल है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि चारों को आतंकी संबंधों के कारण सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है. बता दें कि बिट्टा कराटे वह आतंकी है, जिसने खुद कबूला कि वह कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल रहा है. बता दें कि बिट्टा कराटे एक समय घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए खूंखार नाम बन गया था और उसे ‘पंडितों का कसाई’ कहा जाता था.
ऐसा कहा जाता है कि कश्मीर घाटी में किसी भी उपद्रव या आतंकी घटना के पीछे जिन कुछ लोगों की एक बड़ी भूमिका रहती थी उनमें बिट्टा कराटे भी एक है. कई ऐसे वीडियो भी सामने आ चुके हैं जिनमें बिट्टा कराटे को पैसे लेकर घाटी में पत्थरबाजी के लिए युवाओं को उकसाने की बात कहते देखा गया है.
कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग को जनवरी 1990 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया के अपहरण के तुरंत बाद व्यवस्थित रूप से शुरू किया गया था, जो खूंखार आतंकवादियों की रिहाई के साथ समाप्त हुआ. यहां बिट्टा कराटे ने नरसंहार का नेतृत्व किया और जून 1990 में गिरफ्तार होने तक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का नेतृत्व भी किया.
1991 में हिरासत में रहने के दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू दिया. लगभग 31 साल पहले बिट्टा कराटे ने कहा कि वह एक आतंकवादी बन गया है क्योंकि उसे स्थानीय प्रशासन द्वारा परेशान किया गया था. इसके बाद वह इस भारतीय राज्य का ‘दुश्मन’ बन गया. तब बिट्टा कराटे ने कहा कि जेकेएलएफ के शीर्ष कमांडर अशफाक मजीद वानी ने यह आदेश दिया. वानी वह शख्स था जो बिट्टा कराटे और अन्य को आतंकी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान ले गया था. बाद में वह एक मुठभेड़ में मारा गया.
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