मुंबई. मंत्री बने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायक अपने विभागों से खुश नहीं हैं। हालांकि, विधायकों ने इस बात से इनकार किया है। इधर, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने विधायकों के विभागों को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। शनिवार को मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया गया है।
शिंदे गुट के कुछ ही विधायक विभागों से खुश हैं। रिपोर्ट में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अधिकांश विधायक 'डिमोशन' से नाराज हैं। खबर है कि दादा भुसे और सांदिपन भुमरे ने सरकार में अपने विभागों को लेकर शिकायत की है। इसके अलावा सिलोद विधायक अब्दुल सत्तार को कृषि मंत्रालय दिए जाने से भी कुछ सदस्य नाराज होने की खबर है।
एक ओर जहां भुमरे को रोजगार गारंटी योजना और होर्टिकल्चर विभाग दिए गए हैं। वहीं, ठाकरे सरकार में कृषि मंत्री रहे भुसे को पोर्ट्स और माइनिंग विभाग दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा शिंदे गुट के विधायक भाजपा को बड़े विभाग मिलने से भी नाराज हैं। भाजपा के खाते में वित्त, राजस्व, ग्रामीण विकास, पर्यावरण, पर्यटन जैसे विभाग आए हैं।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में मंत्रियों को विभागों के आवंटन पर भी सवाल उठाए गए हैं। पार्टी का कहना है कि भाजपा ने शिंदे गुट के विधायकों का मजाक बना दिया है। लेख में दावा किया गया है कि भाजपा ने सभी बड़े मंत्रालय अपने हिस्से में कर लिए हैं। हालांकि, भुमरे और भुसे ने नाराजगी की बात से इनकार किया है। जबकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने सामना में की गई आलोचना पर सवाल उठाए हैं।
इधर, सीएम शिंदे का कहना है, 'विभाग जरूरी नहीं हैं, काम और जिम्मेदारी जरूरी हैं। व्यक्ति को आवंटित किए गए विभागों के साथ न्याय करना चाहिए। एक मंत्री केवल अपने विभाग ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य का मुखिया होता है। पूर्ण विकास और राज्य की प्रगति के लिए काम करना उसकी जिम्मेदारी होती है।'
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