चुनाव में मुफ्त रेवड़ियों पर अब डीएमके पहुंची सुप्रीम कोर्ट, पक्षकार बनाने की मांग

चुनाव में मुफ्त रेवड़ियों पर अब डीएमके पहुंची सुप्रीम कोर्ट, पक्षकार बनाने की मांग

प्रेषित समय :10:38:14 AM / Wed, Aug 17th, 2022

नई दिल्ली. चुनावों में राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त रेवड़ियां बांटने के मुद्दे पर तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन की पार्टी डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. डीएमके ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से पक्षकार बनाने की मांग की है. डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त वादा करने से प्रतिबंधित करने की मांग करने वाली याचिका पर प्रतिवादी बनने अनुरोध किया है. द्रमुक ने अपनी याचिका में चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त रेवड़ियों की परिभाषा को भी चुनौती है.

गौरतलब है कि पीएम मोदी चुनाव में मुफ्त रेवड़ियों के वादे के सख्त खिलाफ हैं. इस मामले सुप्रीम कोर्ट में ऐसे वादे करने वाली राजनीतिक पार्टियों को प्रतिबंधित करने के लिए एक अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर की है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका में कहा गया है कि चुनाव के समय मुफ्त उपहार का वादा किसी राज्य पर वित्तीय बर्बादी ला सकती है. डीएमके ने अपनी याचिका में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 38 के तहत आर्थिक न्याय को सुनिश्चित   करने और सामाजिक असमानता को खत्म करने के लिए मुफ्त सेवाएं शुरू की गई हैं. इसे किसी भी हालत में फ्रीबी या मुफ्त रेवड़ियां नहीं कहा जा सकता है. डीएमके ने आज अपनी याचिका में तर्क दिया कि केवल राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजना को मुफ्त रेवड़ियों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार विदेशी कंपनियों को टैक्स में छूट दे रही है, प्रभावशाली उद्योगपतियों के कर्ज की माफी की जा रही है.

गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ कर रही है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था कि मुफ्त उपहार का प्रावधान एक गंभीर आर्थिक मुद्दा है और चुनाव के समय फ्रीबी बजट नियमित बजट से भी ऊपर चला जाता है. इधर, तमिलनाडु के चुनावों में हमेशा से मुफ्त उपहारों का वादा प्रमुख मुद्दा रहा है. तमिलनाडु में पहले के चुनावों में टीवी तक देने के वादे किए गए हैं. अन्नाद्रमुक की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को उनकी “अम्मा कैंटीन” के लिए जाना जाता था, जहां चंद रुपये में भरपेट भोजन किया जा सकता था. आम आदमी पार्टी इसी के लिए जानी जाती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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