नई दिल्ली/कोटा. रेलवे के पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के शामगढ़ आरक्षण का्र्यालय एवं रामगंज मंडी पार्सल कार्यालय को आउट सोर्सिंग पर देने के निर्णय का जमकर विरोध शुरू हो गया है. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के जोरदार प्रदर्शन के बाद आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने भी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कड़ा पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि यदि रेल प्रशासन अपने इस निर्णय को वापस नहीं लेता है तो औद्योगिक शांति भंग हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल के शामगढ़ आरक्षण कार्यालय एवं रामगंजमंडी पार्सल कार्यालय को आउटसोर्सिंग करने हेतु रूचि की अभिव्यक्ति की अधिसूचना जारी करने से रेलकर्मचारियों में भयंकर रोष व्याप्त है. आज सैंकड़ों की संख्या में रेलकर्मचारी यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुये डीआरएम ऑफिस पहुंचे एवं इस निजीकरण की कार्यवाही के विरोध में ज्ञापन सौंपा.
एआईआरएफ ने दी चेतावनी
इस संबंध में यूनियन महामंत्री व एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी कामरेड मुकेश गालव ने बताया कि इस मामले को एआईआरएफ ने काफी गंभीरता से लिया है और महामंत्री काम. शिवगोपाल मिश्रा ने चेयरमैन व सीईओ रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है. फेडरेशन ने पत्र में स्पष्ट किया है कि कोटा मंडल के दोनों कार्यालय काफी सुचारू रूप से व नियमित रूप से अच्छा काम करते आ रहे हैं, इसके बावजूद इसे बगैर मान्यता प्राप्त यूनियनों से परामर्श किए बिना ईओआई जारी करने की अधिसूचना जारी की गई है, वह नाकाबिले बर्दाश्त है और यूनियन के लिए आश्चर्यजनक घटना है. फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि पूर्व में भी इसी तरह के मामलों में बोर्ड के समक्ष आपत्ति जताई जा चुकी है, इसके बावजूद इस तरह का मनमाना व एकतरफा निर्णय औद्योगिक शांति को भंग करने वाला है. पत्र में महामंत्री कामरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे में एक नई परम्परा की शुरुआत की जा रही है, जिसमें मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों से बगैर परामर्श के इस तरह का निर्णय लिया जा रहा है. एआईआरएफ ने रेलवे बोर्ड को चेतावनी दी है कि इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए, अन्यथा फेडरेशन/यूनियन आंदोलन करने बाध्य होगी. पत्र में यह भी रेलवे बोर्ड अध्यक्ष से कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि आप नीचे के महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों को प्रशासन को सलाह देंगे कि ऐसी कार्रवाई न करें जिसके परिणामस्वरूप जवाबी कार्रवाई हो सकती है और जमीनी स्तर पर औद्योगिक शांति भंग हो सकती है. साथ ही यदि रेलवे बोर्ड की मान्यता प्राप्त यूनियनों या फेडरेशनों से परामर्श न करने की नीति में कोई बदलाव होता है, तो इसे तुरंत स्पष्ट किया जाना चाहिए, ताकि संगठन अपने स्तर पर कोई ठोस आंदोलनात्मक रूपरेखा तैयार कर सके. एआईआरएफ ने उम्मीद जताई कि चेयरमैन रेलवे बोर्ड, कोटा मंडल (डब्ल्यूसीआर) में रामगंज मंडी पार्सल कार्यालय और शामगढ़ आरक्षण कार्यालय की आउटसोर्सिंग के लिए जारी नोटिस वापस लेने का निर्देश देंगे और यदि आवश्यक हो, तो इन मुद्दों पर डब्ल्यूसीआरईयू और अन्य मान्यता प्राप्त यूनियनों के साथ तत्काल परामर्श किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply