दिल्ली. कांग्रेस से इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं पर हमला बोला. यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की. आजाद ने हर उस सवाल के जवाब दिए हैं, जो उनके इस्तीफे के बाद से लगातार उठ रहे हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मोदी एक बहाना है. कांग्रेस को मुझसे तब से दिक्कत है, जबसे जी-23 नेताओं ने लेटर लिखा है. वो कभी नहीं चाहते थे कि उन्हें कुछ लिखा जाए या उनसे सवाल किया जाए. कुछ मीटिंग्स हुईं, लेकिन एक भी सजेशन नहीं लिया गया. मुझे मेरा घर छोडऩे के लिए मजबूर किया गया. कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है और क्लर्क का काम करने वाले कभी कांग्रेस में नहीं रहे. मैं बीजेपी का एक वोट नहीं बढ़ा सकता, वो मेरा आधा वोट नहीं बढ़ा सकते.
आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी का सम्मान वही है, जो 30 साल पहले था. राहुल गांधी का भी उतना ही सम्मान है, जितना इंदिरा गांधी के परिवार के लिए होना चाहिए. मैं उनकी लंबी आयु की दुआ करता हूं. हमने लंबे समय तक उनको लीडर बनाने की कोशिश की, लेकिन उनकी इसमें रूचि नहीं है. वो एक जगह रुकते नहीं हैं, बैठते नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी या बीजेपी से वो मिले हैं, जो नरेंद्र मोदी का सपना पूरा किए हैं, मैं नहीं किया. गले वो मिलते हैं और कहते हैं कि हमारा दिल साफ है, वो मिले हैं या मैं मिला हूं. मैंने सोचा था कि पीएम मोदी एक क्रूर व्यक्ति हैं, लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाई है. हालांकि मैं बीजेपी में शामिल नहीं होने वाला हूं. क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर में मेरी राजनीति को मदद नहीं मिलेगी. यह कांग्रेस का मेरे खिलाफ बस एक दुष्प्रचार है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व के पास चीजें सही करने का वक्त नहीं है. राज्यों में उसके नेता पार्टी के सदस्यों को एकजुट रखने के बजाय उन्हें जाने दे रहे हैं. बीमार कांग्रेस कंपाउंडर से दवा ले रही है, डॉक्टर्स से नहीं. कांग्रेस की नींव कमजोर है. पार्टी कभी भी बिखर सकती है.
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं. लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी. उसके लिए दवा चाहिए. अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है. अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है. पहले वे (जयराम रमेश) अपना डीएनए चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं, वह देखें कि उनका डीएनए किस-किस पार्टी में रहा है. बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है. चापलूसी और ट्विट कर जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है.
आजाद ने कहा कि घर वालों (कांग्रेस) ने घर छोडऩे पर मजबूर किया और जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी इसी में है कि खुद घर छोड़ दिया जाए. जी23 के लैटर लिखने से पहले और बाद में मुझे 6 दिनों तक नींद नहीं आई थी. क्योंकि हमने पार्टी के लिए अपना खून दिया है. आज वहां बेकार लोगों का जमावड़ा है. यह दुख की बात है कि कांग्रेस के पास ऐसे प्रवक्ता हैं, जिन्हें हमारे बारे में कुछ पता ही नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुलाम नबी आजाद ने बताया क्यों दिया इस्तीफा, 37 साल महासचिव रहे, यह तो डिमोशन जैसा
राजस्थान से राज्यसभा भेजे जाने का गुलाम नबी आजाद का भारी विरोध
राजस्थान से राज्यसभा जाएंगे गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस में बनी सहमति
Leave a Reply