गांधीनगर. गुजरात के गांधीनगर में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान सेना के एक सेवानिवृत्त जवान की कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से मौत हो गई. बाद में, सेना के सैकड़ों जवान गांधीनगर सिविल अस्पताल में देर रात तक जमा हुए और जहां जवान का शव रखा गया था वहां विरोध प्रदर्शन किया. पीड़ित कांजी भाई मोथालिया 72 साल के थे. सेना के वयोवृद्ध के साथ कथित तौर पर पुलिस ने मारपीट इसलिए की थी क्योंकि वो अपनी 14 लंबित मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे.
पूर्व सैनिक नीमा जितेंद्र ने बताया कि “गुजरात सरकार से हमारी 14 अलग-अलग मांगें थीं और उनमें से कुछ को स्वीकार कर लिया गया था लेकिन सरकार ने औपचारिक रूप से उनमें से किसी की भी घोषणा नहीं की थी, इसलिए हमने आज सुबह विरोध करना शुरू किया जिसके बाद राज्य सरकार ने पुलिस को हम पर लाठीचार्ज शुरू करने का निर्देश दिया, जिसके दौरान हमारे एक साथी की छाती पर चोट लगी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.”
इसके बाद सैकड़ों पूर्व सैनिक सिविल अस्पताल पहुंचे जहां पोस्टमॉर्टम किया जा रहा था और पीएम कक्ष के बाहर बैठ गए और मृतक के शव को लेने से इंकार कर दिया. सैनिको ने कहा जब तक कि पूर्व सेना के साथ कथित तौर पर मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ गंभीर कार्रवाई नहीं की जाएगी हम शव नहीं लेंगे. हालांकि बाद में पुलिस के समझाने पर परिजनों ने शव ले लिया.
एक अन्य विरोध नेता हितेंद्र सिंह निमावत ने कहा, “मृतक के बेटे (परिवार) के शव लेने के लिए सहमत होने के बाद, हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है. यह हमारे लिए बहुत दर्दनाक है कि हम में से एक की मृत्यु हो गई है, लेकिन हम अभी भी जा रहे हैं अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए और हम सचिवालय जाएंगे और विरोध करते रहेंगे.”
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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