नई दिल्ली. नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचा। यहां से चीतों को सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में आठ चीतों को छोड़ दिया है। इसके बाद पीएम ने खुद चीतों की तस्वीरें लीं। नामीबिया से आए आठ चीतों क एक महीने तक में क्वारंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
चीता मित्र गांव-गांव घूमकर लोगों को चीते के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि अगर चीता नेशनल पार्क से बाहर निकल जाता है तो इस स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए। चीता मित्रों के अलावा वन विभाग की टीन पार्क की लगातार पेट्रोलिंग करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान जब ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल ने एयरपोर्ट पर उका स्वागत किया। कूनो नेशनल पार्क में मौजूद पेड़-पौधे, घने जंगल और नेचुरल घास को चीतों के लिए काफी मुफीद माना जा रहा है। चीतों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इनके लिए आसपास के गांवों के 250 लोगों को चीता मित्र बनाया गया है।
चीता एक मिनट में अपने शिकार का काम तमाम कर देता है। अपनी टॉप स्पीड में यह 23 फीट लंबी छलांग लगाता है। तेंदुओं की तुलना में चीता सबसे ज्यादा शक्तिशाली और फुर्तीला होता है। 1947 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में आखिरी चीते को मार दिया गया था। महाराजा रामानुज प्रताप ने गांव वालों की गुहार पर तीन चीतों को मार दिया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। जानकारी के अनुसार महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव शिकार के बेहद शौकीन थे।
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