इंग्लैंड: हिंदू मंदिर के बाहर जुटे 200 से अधिक लोग, अल्लाहू अकबर के लगे नारे

इंग्लैंड: हिंदू मंदिर के बाहर जुटे 200 से अधिक लोग, अल्लाहू अकबर के लगे नारे

प्रेषित समय :09:50:50 AM / Wed, Sep 21st, 2022

लंदन. भारत और पाकिस्तान के बीच अगस्त के आखिर में हुए एशिया कप के बाद इंग्लैंड में माहौल बिगड़ गया है. दरअसल इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में मैच के बाद कथित रूप से हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच झड़पें हुई थीं. इस दौरान शहर के कुछ इलाकों में उपद्रव देखने को मिला था. इस बीच दावा किया गया है कि मंगलवार को स्मेथविक में 200 से अधिक लोग एक हिंदू मंदिर के बाहर प्रदर्शन के लिए जुटे थे. इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर के अंदर घुसने की कोशिश भी की. लेकिन पुलिस ने उनपर काबू पा लिया.

इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि स्पॉन लेन में स्थित दुर्गा भवन हिंदू सेंटर के बाहर लोगों की भीड़ मौजूद है. इस दौरान कई लोगों को ‘अल्लाहू अकबर’ की नारेबाजी भी करते सुना जा सकता है. जब इन प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस वहां पहुंची तो ये लोग दीवार फांदने की कोशिश कर रहे थे. बर्मिंघम वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार अपना मुस्लिम नाम के एक सोशल मीडिया अकाउंट की ओर से मंगलवार को दुर्गा भवन मंदिर के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया गया था.

वहीं पूर्वी इंग्लैंड के शहर लीसेस्टर में उपद्रव के बाद हिंदू और मुसलमान समुदाय के नेताओं ने मंगलवार को एकसाथ सद्भावना अपील की है. दूसरी ओर पुलिस ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया है. शहर के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युमन दास ने नगर की एक मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ एक बयान पढ़ा जिसमें पिछले हफ्ते हुई हिंसा पर दुख जताया गया है.

समुदाय के नेताओं ने मांग की कि ‘घृणा भड़काने वाले’ लीसेस्टर को छोड़ दें और उकसाने की कार्रवाई और हिंसा को तत्काल बंद किया जाए. बयान में कहा गया है, ‘हमारे बीच द्वेष बोने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हमारा संदेश साफ है: हम आपको कामयाब नहीं होने देंगे. हम सभी से मस्जिदों और मंदिरों समेत धार्मिक स्थलों की समान रूप से पवित्रता का सम्मान करने को कहते हैं.’

बयान के मुताबिक, उकसावे की हरकतें बंद की जाएं, चाहे वे तेज आवाज में संगीत बजाना हो, झंडे लगाना हो, अपमानजक नारे लगाना हो या हमले करना हो. उसमें कहा गया है, ‘यह स्वीकार्य नहीं है, न ही हमारे धर्म यह कहते हैं.’ बयान में कहा गया है, ‘हम एक मजबूत परिवार हैं, जो भी चिंता है उसे हल करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे. हमें शहर में बाहर से आए लोगों की मदद की जरूरत नहीं है. लीसेस्टर में ऐसी विदेशी चरमपंथी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है जो विभाजन पैदा करती हो.’

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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