मास्को. यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में रूस द्वारा कराए जा रहे जनमत संग्रह समाप्त हो गए हैं. इसके बाद रूस ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर एकतरफा अधिकार जमा लिया है.यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में रूसी अधिकारियों ने जनमत संग्रह में पांच दिनों की वोटिंग के बाद चार यूक्रेनी शहरों के रूस के पक्ष में मतदान करने का दावा किया है. इनमें डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज़िया और खेरसॉन शामिल हैं, जो कथित रूप से रूस का हिस्सा बनना चाहते हैं. यह चार शहर यूक्रेन का 15 फीसदी हिस्सा है.
हालांकि यूक्रेन ने मानने से इनकार किया है और पश्चिमी देशों ने भी इसकी निंदा की है. इससे पहले 2014 में रूस ने क्रिमिया को इसी तरह कब्जाया था. रूसी अधिकारियों ने दावा किया कि ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में डाले गए 93 फीसदी वोट रूस के साथ विलय के समर्थन में थे. वहीं दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में 87 फीसदी और लुहान्स्क में 98 फीसदी मतदान विलय के समर्थन में हुए हैं. हालांकि खबर लिखे जाने तक डोनेट्स्क क्षेत्र के परिणाम सामने नहीं आए हैं. 23 सितंबर को रूस ने इन चार क्षेत्रों में जनमत संग्रह शुरु की थी.
कब्जे वाले क्षेत्रों में रूसी अधिकारियों ने कथित रूप से घर-घर जाकर वोटिंग कराई, जिसे यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने एक कानूनी आधार बनाने के लिए नाजायज और जबरदस्ती अभ्यास करार दिया. जनमत संग्रह के ऐलान के साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा था कि, इसके बाद अगर यूक्रेन उन क्षेत्रों को दोबारा कब्जाने की कोशिश करता है, तो वो असल में रूस पर हमला होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि, रूस की क्षेत्रीय अखंडता को बचाने के लिए वो परमाणु हथियार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
हालांकि इन चार क्षेत्रों के विस्थापित, जो रूस चले गए थे, उन्होंने रूस में ही मतदान किया, जहां स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 96 फीसदी लोगों ने रूस के साथ विलय के समर्थन में ही मतदान किया. रूसी अधिकारियों के कथित रूप से स्वघोषित परिणामों के ऐलान के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में अपना संबोधन भी दिया, जहां उन्होंने कहा कि सबमशीन गन की नोक पर रूसी अधिकारियों ने मतदान कराए हैं. उन्होंने रूसी जनमत संग्रह को दिखावटी करार दिया. ज़ेलेंस्की ने यूएनएससी से रूस पर दबाव बनाने की अपील की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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