नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IMC 2022 प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, उन्होंने जियो पवेलियन में प्रदर्शित ट्रू 5G उपकरणों को देखा और ‘जियो-ग्लास’ को खुद पहन कर उसका अनुभव किया। उन्होंने युवा Jio इंजीनियरों की एक टीम द्वारा एंड-टू-एंड 5G तकनीक के स्वदेशी विकास को भी समझा। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान, रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान से देश को हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सुविधा 5G की सौगात दी। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे एडिशन में 5जी सर्विस का शुभारंभ किया। मोदी ने डेमो जोन में 5G का एक्सपीरियंस भी लिया। इस मौके पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।
तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, जियो और Vi ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 5जी सेवाओं के कामकाज का डेमो दिया है।
5G नेटवर्क के होंगे दो मोड्स
5G नेटवर्क को मुख्यतः दो मोड्स के तहत पेश किया जाएगा, स्टैंडअलोन और नॉन स्टैंडअलोन होंगे. दोनों ही आर्किटेक्चर के अपने अलग-अलग फायदे और नुकसान हैं. टेलिकॉम ऑपरेटर दोनों में से किसी एक पाथ को चु न सकते हैं. स्टैंडअलोन मोड्स को जियो ने चुना है. 5जी नेटवर्क के साथ एक डेडिकेटेड इक्विपमेंट की जरूरत होगी और यह 4जी नेटवर्क के समान ही काम कर सकती है. जबकि नॉन स्टैंडअलोन नेटवर्क के तहत 4जी कोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही 5जी को पेश किया जा सकता है.
5G के फायदे
- 5G तकनीक अरबों इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्रोडक्ट को जोड़ने में मदद करता है और हाई स्पीड के साथ हाई क्वालिटी वाली वीडियो सेवाओं की लाभ मिलेगा.
- 5G तकनीक की मदद से आपदाओं की वास्तविक समय निगरानी, सटीक कृषि, खतरनाक औद्योगिक कार्यों जैसे गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों आदि में मनुष्यों की भूमिका को कम करने में मदद करेगा.
- 5G नेटवर्क एक ही नेटवर्क के अंदर अलग-अलग उपयोग के लिए कई प्रकार से सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा.
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